‘Collusion’ in compensation; now Rs 6.43 crore will have to be paid for land worth Rs 3.57 crore | मिलीभगत के हस्ताक्षर…: मुआवजे में ‘मिलीभगत’; 3.57 करोड़ रुपए की जमीन के अब देने होंगे 6.43 करोड़ – Gwalior News


ये है 21 जनवरी 2024 को विवेकानंद आरओबी की सर्विस रोड के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए तैयार हुआ प्रस्ताव… जिसे क्षेत्र के पटवारी व राजस्व निरीक्षक (आरआई) ने तैयार किया और तहसीलदार ने अंतिम रूप दिया। फिर जमीन अधिग्रहण के रकबा, राशि व मुआवजे को लेकर झांसी

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भू-स्वामियों को लाभ देने ऐसी जल्दबाजी कि एसडीएम ने आवेदन के तीसरे दिन कृषि जमीन का डायवर्सन व्यावसायिक में कर दिया, जबकि ऑनलाइन प्रक्रिया भी 15 दिन तक की है।

अफसरों की मिलीभगत से भू-स्वामी ग्वालियर में जमीन अधिग्रहण के मामलों में खेला कर रहे हैं। नाका चंद्रवदनी से ओहदपुर रोड के बीच बन रहे विवेकानंद नीड्म आरओबी के साथ बनाए जाने वाली एक सर्विस रोड के लिए जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके लिए जब प्रस्ताव बना तब वह जमीन कृषि मद में थी। लेकिन राजस्व विभाग एवं भू-अर्जन शाखा ने जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव अटका कर रखा। इस बीच भू स्वामियों ने जमीन का डायवर्सन व्यावसायिक उपयोग में करा लिया। अफसरों की ढिलाई के कारण जो जमीन पहले 3.57 करोड़ में मिल रही थी अब उसके 6.43 करोड़ रुपए चुकाने होंगे।

इस मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है वे जांच कराएंगी और गलती होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं झांसी रोड एसडीएम विनोद सिंह ने कहा कि आप मेरे डोंगल से जो डायवर्सन बता रहे हैं। मैं जानकारी लेने के बाद कुछ कह सकूंगा।

2 का डायवर्सन 3 दिन में किया, बाकी 2 ऑनलाइन के लिए छोड़े

  1. सिटी सेंटर निवासी श्रीमती मुकुलिता उपाध्याय ने ओहदपुर के सर्वे नंबर 97/2/4 में दर्ज कृषि भूमि का डायवर्सन व्यावसायिक में कराने 10 जून 2024 को आवेदन किया। झांसी रोड एसडीएम विनोद सिंह ने​ 3 दिन बाद 13 जून को ही डायवर्सन कर दिया।
  2. बलवंत नगर निवासी श्रीमती विनय तोमर ने 10 जून 2024 को ओहदपुर के सर्वे नंबर 97/2/2 की कृषि भूमि के डायवर्सन का आवेदन दिया। इस पर झांसी रोड एसडीएम विनोद सिंह ने तत्परता दिखाते हुए 13 जून को ही डायवर्सन को स्वीकृति दे दी।
  3. महेशचंद्र जैन व शैलजा जैन ने 17 जून 2024 को डायवर्सन के लिए आवेदन किया। अगले 15 दिन तक झांसी रोड एसडीएम ने इन प्रकरणों में कोई कार्रवाई नहीं की तो निर्धारित अवधि बीतने के बाद उक्त जमीन का डायवर्सन स्वत: कृषि से व्यावसायिक हो गया।
  4. ओहदपुर में रहने वाले संतोष, अरुण, राकेश, देवेंद्र, सतेंद्र, ज्ञानीश और मनीष शर्मा सभी पुत्र बालकिशन शर्मा ने भी डायवर्सन के लिए आवेदन किया है। लेकिन जमीन का डायवर्सन अभी हुआ नहीं है। जिससे अधिग्रहण की प्रक्रिया भी रुकी हुई है।

लापरवाही… 21 जनवरी को गया प्रस्ताव, डायवर्सन के बाद वापस लौटा

लोक निर्माण विभाग के सेतु संभाग की टीम ने 5 भू-स्वामियों की जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव कलेक्ट्रेट स्थित भू-अर्जन शाखा के पास 21 जनवरी को भेजा था। जिसमें जमीन के सर्वे नंबर, रकबा समेत मुआवजा राशि समेत अन्य जानकारियां थीं। उस वक्त ये जमीन कृषि मद की थी। भू-अर्जन शाखा ने 21 जून को कुछ सवालों के साथ प्रस्ताव सेतु संभाग को वापस भेजा। तब तक उक्त जमीनों में से 2 का डायवर्सन हो चुका था और 2 के आवेदन लग चुके थे। यदि प्रस्ताव के साथ ही भू-अर्जन शाखा और क्षेत्र के एसडीएम द्वारा अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाती तो भू-स्वामी न डायवर्सन नहीं करा पाते।

भू-अर्जन शाखा ने 5 माह बाद पत्र भेजा

^विवेकानंद नीड्म आरओबी के लिए ओहदपुर पर सर्विस रोड के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भू-अर्जन शाखा के पास 21 जनवरी को भेजा था। विभाग ने 21 जून को एक पत्र भेजा है। उसमें जो जानकारी मांगी है वह हम पहले ही भेज चुके हैं। अब नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। -जोगिंदर यादव, कार्यपालन यंत्री/ सेतु संभाग लोक निर्माण विभाग

कुछ दिन बाद ही भेज दिया था पत्र

^लोक निर्माण विभाग के सेतु संभाग से जमीन अधिग्रहण को लेकर जो प्रस्ताव आया था। उसमें जमीन में कुछ कमियां थीं, जिसे विभाग से मांगा गया था। हमने पत्र प्रस्ताव मिलने के कुछ दिन बाद भेज दिया था। 5 महीने तक प्रस्ताव व पत्र रोकने का प्रश्न ही नहीं उठता। – सूर्यकांत त्रिपाठी, भू अर्जन अधिकारी

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