नई दिल्ली4 मिनट पहले
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GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।
कल यानी बुधवार, 3 सितंबर से GST में बदलाव के ऐलान के बाद सिगरेट और गुटखा जैसे तंबाकू प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने वाले हैं, जबकि, बीड़ी के दाम में थोड़ी सी कमी आएगी। बीड़ी पर जीएसटी पहले 28% था जिसे घटाकर 18% कर दिया गया है। बीड़ी बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेंदू पत्तों पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
सिगरेट और दूसरे तंबाकू प्रोडक्ट्स, जिन पर अभी 28% GST है, अब 40% टैक्स के साथ और महंगे हो जाएंगे। देश में बीड़ी बनाने के कारोबार से 70 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं, इनमें से ज्यादातर लोगों की रोजी-रोटी पूरी तरह से इसी पर निर्भर है। संभव है, बीड़ी पर GST कम करने का मकसद देसी बीड़ी इंडस्ट्री को बचाना है।

सामाजिक संगठनों ने भी GST घटाने की मांग की थी
इससे पहले कुछ सामाजिक संगठनों ने सरकार से बीड़ी पर 28% GST कम करने की मांग की थी। उनका कहना था कि इससे बीड़ी मजदूरों को मदद मिलेगी। NDTV के मुताबिक, स्वदेशी जागरण मंच ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर कहा था कि 28% GST की वजह से रजिस्टर्ड बीड़ी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार पर असर पड़ा है।
इससे अनरजिस्टर्ड बीड़ी प्रोडक्शन यूनिट्स में काम करने वाले मजदूरों को भी परेशानी हो रही है। संगठन ने बताया कि पहले बीड़ी पर बहुत कम सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगती थी और कई राज्यों में बीड़ी पर सेल्स टैक्स भी नहीं था, ताकि बीड़ी मजदूरों के जीवन पर कोई बुरा असर ना हो।
लोगों ने कहा- बिहार इलेक्शन के चलते यह फैसला
इस फैसले ने सोशल मीडिया पर अलग चर्चा शुरू कर दिया है। कई लोग लिख रहे हैं- अगर सिगरेट नुकसानदायक है, तो क्या बीड़ी नहीं? कुछ ने इसे बिहार में आने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़ा है।
कई लोग इस फैसले से चिंतित हैं, उनका कहना है कि बीड़ी सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है और इसे ज्यादातर गरीब लोग इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी सेहत को गंभीर खतरा है। कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि बीड़ी पर GST कम करके सरकार दिखा रही है कि वो आम लोगों के लिए काम कर रही है।
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