गरियाबंद के लाइवलीहुड भवन में कॉलेज संचालन के आदेश से स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में प्रशासन का आदेश रोड़ा बनने जा रहा है। दरअसल, करोड़ों की हाईटेक मशीनरी के साथ डायलिसिस और मातृ शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी यूनिट लाइवलीहुड भवन में शिफ्ट की गई थी। लेकिन भवन के ऊपरी मंजिल में कॉले
.
डॉक्टरों का कहना है कि एक जगह पर अस्पताल और कॉलेज का संचालन संभव नहीं है। बता दें कि 50 साल से भी ज्यादा पुराने सीएचसी भवन में पिछले 12 सालों से आधी अधूरी सुविधा वाले जिला अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। जिला अस्पताल में मौजूद 38 यूनिट में से 10 का भी संचालन बड़ी मुश्किल हो रहा था।
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनप्रतिनिधियों में थी नाराजगी
जिला अस्पताल रेफर सेंटर बना हुआ था। अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भाजपा विधायक रोहित साहू और अन्य जनप्रतिनिधियों में भी नाराजगी थी। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण यूनिट का संचालन लाइवलीहुड भवन में करने का फैसला लिया।

गरियाबंद के लाइवलीहुड भवन में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 10 करोड़ से ज्यादा की हाईटेक मशीने लगाई गई है।
4 बेड शिफ्ट कर डायलिसिस की सुविधा शुरू
पिछले महीने लाइवलीहुड भवन में सुपेबेड़ा डायलिसिस यूनिट की स्थापना कर 4 बेड शिफ्ट कर डायलिसिस शुरू कर दिया। मातृ शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी सारी यूनिट भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। प्रसव के पहले और बाद में दी जाने वाली सुविधाओं पर काम चालू है। इसके आलावा ट्रॉमा सेंटर, बर्न यूनिट,आई सी यू, कार्डियेक मॉनिटर, कीमोथेरेपी यूनिट भी संचालित होगी।
CMHO बोलीं- नीचे के फ्लोर में जल्द सेवाएं शुरू होंगी
CMHO गार्गी यदु ने कहा कि कलेक्टर दीपक अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने प्रयास जारी है। लाइवलीहुड भवन के नीचे तल में इसकी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सेवाएं जल्द शुरू हो जाएगी।

लाइवलीहुड भवन में 4 बेड शिफ्ट कर डायलिसिस की सुविधा शुरू।
10 करोड़ से ज्यादा की हाईटेक मशीनों से लैस भवन
कोरोना काल में लाइवलीहुड के इस भवन में पीएसयू ऑक्सीजन जनरेट मशीन, 30 वेंटिलेटर बेड,3 आईसीयू,एक्स-रे, सोनोग्राफी, लेबोरेटरी, हाईटेक ऑटोमेटेड लॉन्ड्री, मर्च्युरी, इको मशीन के अलवा हाईटेक अस्पताल में जरूरी सारे उपकरणों पर 10 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया गया है। वर्तमान में जर्जर हो चुके जिला अस्पताल का बेहतरीन विकल्प यही भवन ही हो सकता था। लेकिन डॉक्टरों के फैसले के बाद आगे क्या होगा, यह समय ही बताएगा।