बहादुर अली, सुल्तान अली और कमल सारडा
भारतीय अमीरों को लेकर हुरून इंडिया ने रिच लिस्ट 2024 जारी की है। इसमें देशभर के 1539 अरबपतियों को शामिल किया गया है। पहली बार इस सूची में छत्तीसगढ़ के सात कारोबारी भी शामिल हुए हैं। राज्य में पहले और दूसरे नंबर पर 4800 करोड़ की संपत्ति के साथ एबिस एक
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अली भाइयों का दावा है कि जल्द ही यह भारत की पहली बड़ी ब्रायलर कंपनी होगी। हुरून की रिच लिस्ट में 2020 में छत्तीसगढ़ से एक भी अमीर को शामिल नहीं किया गया था। अब 7 लोगों को सूची में जगह मिली। यह संख्या बिहार, ओडिशा, चंडीगढ़, झारखंड और उत्तराखंड से ज्यादा है। सूची में बिहार से 6, ओडिशा से 5, चंडीगढ़ से 5 और झारखंड-उत्तराखंड से 3-3 कारोबारी हैं। छत्तीसगढ़ ने अपने साथ बने उत्तराखंड और झारखंड को पीछे छोड़ दिया है। सूची में सबसे ज्यादा 470 कारोबारी महाराष्ट्र के हैं।
पावर से फूड प्रोसेसिंग तक कारोबार
हुरुन के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अली भाइयों के बाद कमल किशोर सारडा सबसे अमीर हैं, जिनकी संपत्ति करीब 3500 करोड़ है। उनकी कंपनी एनर्जी और मिनरल्स के क्षेत्र में काम करती है। शारदा के बाद हीरा ग्रुप के बजरंग लाल अग्रवाल हैं। उनके पास 2500 करोड़ की संपत्ति है। उनका ग्रुप कई सेक्टरों में काम कर रहा है। लगभग इतनी ही संपत्ति विनिता आशीष सराफ के पास है।
उनकी फूड प्रोसेसिंग कंपनी मनोरमा इंडस्ट्रीज लिमिटेड छत्तीसगढ़ में अपना अलग ही मुकाम रखती है। सूची में 1700 करोड़ की संपत्ति के मालिक हनुमान प्रसाद अग्रवाल और सातवें स्थान पर 1600 करोड़ की प्रॉपर्टी के साथ नारायण प्रसाद अग्रवाल हैं। इनकी कंपनी गोदावरी पॉवर छत्तीसगढ़ में बड़ी पॉवर कंपनियों में एक है।
अच्छा है छत्तीसगढ़ आगे बढ़ रहा: कमल सारडा
प्रदेश के तीसरे सबसे अमीर कमल सारडा ने दैनिक भास्कर से कहा कि अच्छा है कि इसी सूची में छत्तीसगढ़ के भी कारोबारी शामिल हो रहे हैं। प्रदेश लगातार देशभर में अपनी अलग पहचान बना रहा है। नए उद्योगों और कारोबार से सरकार का राजस्व तो बढ़ ही रहा है, बड़ी संख्या में लोगों को खासतौर पर युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक शामिल होते हैं इस सूची में
हुरून इंडिया रिच लिस्ट एक वार्षिक सूची है। जो भारत के सबसे धनी व्यक्तियों की संपत्ति और उनके आर्थिक प्रभाव को बताती है। यह लिस्ट देश के नामी लोगों की वित्तीय सफलता, इंडस्ट्रीज और उनकी ओर से किए गए निवेशों के आधार पर तैयार की जाती है।
लिस्ट का उद्देश्य निवेशकों और लोगों को उनकी जानकारी देना है जो भारत की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे। हुरून भारत में 2012 से सक्रिय है। इस सूची में 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले लोग शामिल होते हैं।