छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने पिछड़ा वर्ग की मुश्किलें बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार निकायों में जो आरक्षण नीति लेकर आई है वह पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ धोखा है। इस नीति की वजह से पिछड़ा वर्ग के लोग नगर पंच
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दरअसल, हाल ही में सरकार ने कैबिनेट की बैठक में आरक्षण नीति को लेकर पिछड़ा वर्ग को 50% प्राथमिकता दिए जाने का फैसला लिया है। इसे भूपेश बघेल धोखा बता रहे हैं। बघेल ने अपनी पोस्ट में लिखा- अब छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग के लोग ज़िला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए तरस जाएंगे।
पूरे राज्य में एक ही जिले में पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिलेगा। बहुत हुआ तो दो। वजह है भाजपा सरकार की ओर से आरक्षण के प्रावधानों में किया गया परिवर्तन। इस बार पिछड़े वर्ग को आरक्षण का जो प्रावधान किया है वह घातक है। ऐसे असंतुलित प्रावधान के बाद पिछड़े वर्ग के लिए कुछ नहीं बचने वाला है।
शहर में लगे पोस्टर
भाजपा नेता ओमप्रकाश देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पिछड़े वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर धन्यवाद देते हुए पोस्टर लगा दिए। इसी पोस्टर की एक तस्वीर बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की और लिखा- ये जो धन्यवाद दे रहे हैं वह झूठ है। या तो देवांगन जी धूर्तता में जनता को ठग रहे हैं या फिर वे अपनी ही पार्टी की चाल को समझ नहीं पा रहे हैं।
बघेल का दावा है कि अगर पिछड़े वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा तो कुल आरक्षण 96 प्रतिशत हो जाएगा। जबकि भाजपा बार बार कह रही है कि आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत ही रखा जाएगा। समझ लीजिए, जिस राज्य में आधी आबादी पिछड़े वर्ग की है, वहां भाजपा उन्हें ही ठग रही है।
शहर में इस तरह के पोस्टर ओबीसी नेताओं ने लगवाए हैं।
कांग्रेस को प्रत्यक्ष प्रणाली पर आपत्ति
नगरीय निकाय चुनावों में महापौरों और अध्यक्ष चुनाव को सीधे जनता से चुने जाने के भाजपा सरकार के निर्णय पर कांग्रेस को आपत्ति है। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा का चरित्र अलोकतांत्रिक है। संविधान की व्यवस्था के खिलाफ रहा है। संविधान में देश के प्रधानमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके सांसदों के माध्यम से होता है।
मुख्यमंत्री का चुनाव भी अप्रत्यक्ष तरीके से होता है, मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक करते है। भाजपा को इसमें आपत्ति नहीं है, लेकिन महापौर और अध्यक्षों का चयन भाजपा पार्षदों के माध्यम से नहीं करवाना चाहती है। उसे भारत संविधान की संसदीय और विधान मंडलों के चुनाव की प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इसलिए ऐसा निर्णय लिया गया।
पिछड़ा वर्ग को लेकर ये हुआ है फैसला
कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी जानकारी में कहा गया कि छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव में OBC के आरक्षण के नियम को बदला है। पहले 25 प्रतिशत आरक्षण था अब ओबीसी को संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिलेगा।