दिव्यांग बेटियों की देखभाल के लिए पिता ने न्योछावर किया जीवन।
फादर्स-डे के मौके पर हम आपको ऐसे पिता से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने दोनों दिव्यांग बेटियों के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया है। उनका एक ही लक्ष्य है, अपनी बेटियों को खुश रखना।
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पिता का नाम पारस कुशवाहा है। पारस सूरजपुर के गोपालपुर में रहते हैं। उनकी दोनों बच्चियां दिव्यांग हैं। लेकिन वे कभी भी अपनी बच्चियों को इसका एहसास नहीं होने देते।
बेटियों को खुश रखना मकसद
पारस और उनकी पत्नी समाज के लिए मिसाल है। जिन्होंने अपनी दोनों दिव्यांग बच्चियों के बोझ नहीं समझा बल्कि उनकी देखभाल के लिए अपना सब कुछ लगा दिया है। उनका एक ही मकसद है की इन बच्चों को कैसे खुश रखा जाए।
पिता पारस कुशवाहा और उनकी बेटी।
‘इसमें इनकी क्या गलती…’
सुबह होते ही पारस दोनों को अपने हाथों से नाश्ता कराते हैं। फिर बाइक में बैठा कर पान खिलाने के लिए दुकान ले जाते हैं। पारस का कहना है कि ‘मेरे दोनों बच्चियों को भगवान ने ऐसा ही बनाया इसमें इनकी क्या गलती है। इनको कुछ तकलीफ न हो इस पर ध्यान देता हूं। दोनों मेरी जिंदगी है। दोनों के पास बैठ कर अलग ही सुकून मिलता है। इनके लिए में जितना कर सकूं उतना ही कम है। मेरी भगवान से एक ही मांग है कि मेरी दोनों बेटियों को ठीक कर दें।’
पिता बोले- बेटियों को खुश रखना जीवन का लक्ष्य।