देवेंद्र यादव को करीब 7 महीने बाद मिली रिहाई का जश्न मनाया गया। इस जश्न के बाद सड़क पर ट्रैफिक जाम हो गया। इस पर गंज पुलिस ने देवेंद्र यादव, सुबोध हरितवाल, आकाश शर्मा समेत 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
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FIR दर्ज होने पर सुबोध हरितवाल ने कहा कि सरकार द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई से हम ना डरे थे और ना आगे डरेंगे। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा कि जनता को परेशान करोगे, सड़क जाम करोगे, कानून तोड़ोगे तो अपराध दर्ज होगा ही। वहीं रिहाई के दूसरे दिन देवेंद्र यादव ने पत्नी और बेटे के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की।
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राहुल गांधी से मुलाकात के बाद देवेंद्र ने कहा कि बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए देश से नफरत की राजनीति को खत्म करने आपने जो बीड़ा उठाया है, वही मेरा आदर्श है। देशभर में किसान, मजदूर आदिवासी, दलित, महिलाओं युवाओं का हक छीना जा रहा है। अधिकारों के लिए हम हमेशा लड़ाई लड़ते रहेंगे।
500-600 की संख्या में सड़क पर जमा हो गए लोग
FIR के मुताबिक, देवेंद्र यादव के जेल परिसर से बाहर आने के बाद ये सभी नेता 500 से 600 की संख्या में सड़क पर जमा हो गए। जेल गेट के ठीक सामने कई गाड़ियां खड़ी कर दी गईं, जिससे पूरी सड़क जाम हो गई। चेतावनी दिए जाने के बावजूद किसी ने नहीं सुनी। कई यात्री बसें, आम लोग और एम्बुलेंस भी जाम में फंसी रहीं।
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- गंज थाने में किन नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज हुआ, जानने के लिए ग्राफिक्स से गुजर जाइए…
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- तस्वीरों में देखिए जेल से छूटते ही सड़क जाम और भीड़
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बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव 7 महीने बाद शुक्रवार को जेल से रिहा हुए।
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देवेंद्र यादव के जेल परिसर से बाहर आने के बाद ये सभी नेता 500 से 600 की संख्या में सड़क पर जमा हो गए।

देवेंद्र यादव के जेल से रिहा होने पर आतिशबाजी भी की गई।
देवेंद्र बोले- जहां उनकी जरूरत होगी वे बिना डरे जाएंगे
रिहाई के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में देवेंद्र ने कहा था जहां उनकी जरूरत होगी वे बिना डरे जाएंगे। उन्होंने मामले की CBI जांच मांगी है। देवेंद्र को बर्थडे के दूसरे दिन 20 फरवरी को बेल मिली थी। वे 17 अगस्त 2024 से यानी 192 दिन जेल में बंद थे।
इसके साथ ही भिलाई विधायक को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। देवेंद्र की विधायकी निरस्त करने वाली पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका पर रोक लगा दी गई है। प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका हाईकोर्ट में सुनवाई के लायक है या नहीं, अप्रैल में इस पर सुनवाई होगी। देवेंद्र ने अपने खिलाफ दायर अर्जी को खारिज करने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाई- प्रेम प्रकाश पांडेय
देवेंद्र यादव की विधायकी को चुनौती देते हुए प्रेमप्रकाश पांडेय ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। इसमें देवेंद्र यादव पर नामांकन पत्र में आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया। याचिका में बताया गया कि चुनाव आयोग प्रत्येक प्रत्याशी से शपथपत्र में आपराधिक और संपत्ति संबंधी मामलों की जानकारी मांगता है।
लेकिन, आयोग से जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। साथ ही आपराधिक केस का भी शपथपत्र में जिक्र नहीं किया है।
अब जेल से छूटने के बाद देवेंद्र यादव की तस्वीरें देखिए
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बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए।
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रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर यादव के समर्थक उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
अपने लोगों की आवाज बनकर विरोध दर्ज कराने गया था- यादव
बलौदाबाजार हिंसा से पहले एक सभा में भाग लेने के बाद ही देवेंद्र यादव पर मामला दर्ज हुआ और वे जेल गए। क्या अब वो ऐसी किसी सभा में भाग लेने जाएंगे या उससे बचेंगे। इस सवाल पर देवेंद्र यादव ने कहा कि वहां पर अपने लोगों के बीच उनकी आवाज बनकर विरोध दर्ज कराने गए थे। उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
देवेंद्र यादव रायपुर से भिलाई घर पहुंचे तो पत्नी श्रुतिका ने उनकी आरती करते स्वागत किया। इसके बाद देवेंद्र घर के अंदर अपनी मां से मिलने पहुंचे। वहां मां ने अपने बेटे को गले से लगा लिया। इस दौरान मां और बेटे दोनों के आंसू छलक उठे।
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पत्नी ने आरती करके विधायक यादव का स्वागत किया।
जानिए क्या था मामला-
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया था। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था।
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ये तस्वीरें उस समय की हैं, जब देवेंद्र यादव बलौदाबाजार में सतनामी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी
विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा।
कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। जहां हिंसक घटना हुई, वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है।
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तस्वीर गिरफ्तारी के पहले की है, पुलिस जब गिरफ्तार करने पहुंची तब संविधान की पुस्तक और सफेद झंडा लेकर देवेंद्र यादव निकले थे।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन-
- 15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए।
- 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे।
- इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
- प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
ग्राफिक्स में पढ़िए पुलिस ने देवेंद्र यादव के खिलाफ चालान में क्या लिखा था
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- देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट से क्या कहा था
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बलौदाबाजार हिंसा से जुड़ी तस्वीरें देखिए…
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बलौदाबाजार हादसे की चश्मदीद पुलिसकर्मियों को जांच अधिकारियों ने गवाह बनाया था।
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बलौदा बाजार में प्रदर्शनकारियों ने कलक्ट्रेट में आग लगा दी थी।
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सरकारी वाहनों में भी प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की गई थी।
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आगजनी में 2.82 करोड़ का नुकसान
बलौदाबाजार हिंसा में चालान रिपोर्ट के अनुसार अग्निकांड में 2.82 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहन, निजी वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसी तरह से एसपी और कलेक्ट्रेट ऑफिस को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया था।
प्रदर्शन के दौरान आंदोलकारियों ने पुलिसकर्मियों और शासकीय कर्मचारियों से मारपीट करके उन्हें घायल भी किया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारी घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए पेट्रोल बम लेकर पहुंचे थे।
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बलौदाबाजार हिंसा…देवेंद्र यादव का संबंध अपराधियों से:चालान में लिखा, हिंसा से पहले प्रदर्शनकारियों से कई बार बातचीत; फंडिंग का दिया आश्वासन

कलेक्ट्रेट कार्यालय में आग लगाने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़े वाहन भी फूंक दिए थे।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने 6970 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया है। इसके कुछ अहम दस्तावेज दैनिक भास्कर के हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों में पुलिस ने घटना की पूरी जानकारी, आरोपियों की भूमिका और उनसे जुड़े सबूतों का जिक्र किया है। पढ़ें पूरी खबर