Chhattisgarh Bilaspur High court strict on illegal sand mining in Arpa river | बिलासपुर अरपा नदी में अवैध रेत उत्खनन पर हाईकोर्ट सख्त: कहा- खनिज विभाग आंखें बंदकर बैठा है, सचिव से मांगा जवाब – Bilaspur (Chhattisgarh) News


हाईकोर्ट ने खनिज विभाग के सचिव से शपथपत्र के साथ मांगा जवाब।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले में हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। डिवीजन बेंच ने खनिज विभाग के अफसरों की निष्क्रियता पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि विभाग आंखें बंद कर बैठा है और धड़ल्ले से अवैध उत्खनन चल रहा है।

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चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु ने मामले में खनिज विभाग के सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब देने का आदेश दिया है। जिसमें यह बताने को कहा है कि अवैध उत्खनन रोकने के लिए किन-किन व्यक्तियों के खिलाफ व्यक्तिगत कार्रवाई की गई है और क्या जुर्माना लगाया गया है।

समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरें कोर्ट में प्रस्तुत

अरपा अर्पण महाअभियान समिति और अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एडवोकेट अंकित पांडेय ने बीते एक जनवरी से सात सितंबर तक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का मेमो कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया।

इस दौरान हाईकोर्ट ने लोखंडी घाट में अवैध उत्खनन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए खनिज विभाग को निर्देश जारी किए। अवैध उत्खनन के इस केस की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई है।

बैन खुलते ही बेधड़क चला रहा अवैध उत्खनन

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट ने बताया कि बरसात के दिनों में अरपा नदी में रात में अवैध उत्खनन चल रहा था। इसी तरह बारिश के बाद बैन खुलते ही फिर से बेधड़क अवैध उत्खनन शुरू हो गया है। अफसर सब कुछ जानते हुए कोई कार्रवाई नहीं करते। कभी-कभार दिखावे की कार्रवाई करते हैं।

पर्यावरण संरक्षण की उड़ रही धज्जियां

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को बताया गया कि अरपा नदी के संरक्षण की दिशा में काम करने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ नदी से बेतरतीब तरीके से रेत निकाला जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अवैध रेत उत्खनन चल रहा है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण और नदी का संवर्धन कैसे हो सकता है।

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