chennai-airport-terminates-agreement-with-Turkish company-celebis | पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्किये का भारत में विरोध: टर्किश कंपनी की चेन्नई एयरपोर्ट पर सर्विस बंद, दिल्ली-मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट भी ऐसा कर चुके

नई दिल्ली14 घंटे पहले

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15 मई को सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो (BCAS) ने टर्किश कंपनी सेलेबी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस कैंसिल कर दिया था। (इमेज AI जनरेटेड है) - Dainik Bhaskar

15 मई को सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो (BCAS) ने टर्किश कंपनी सेलेबी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस कैंसिल कर दिया था। (इमेज AI जनरेटेड है)

पाकिस्तान को समर्थन देने पर तुर्किये की कंपनियों का भारत में विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को चेन्नई एयरपोर्ट ने तुर्किये की कंपनी सेलेबी की सब्सिडियरी के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस को बंद कर दिया गया है।

इससे पहले अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज के लिए तुर्किए की फर्म सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी थी।

सरकार ने कंपनी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस कैंसिल किया

इससे पहले 15 मई को सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो (BCAS) ने सेलेबी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस कैंसिल कर दिया था। सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का फैसला भारत-पाक तनाव के बीच लिया गया था।दरअसल, पाकिस्तान के भारत पर हमले में टर्किश ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।

इसके अलावा पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारत द्वारा लॉन्च किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। तभी से सरकार भारत में टर्किश कंपनियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है।

सरकार बोली-खतरा था, इसलिए तुर्किये की कंपनी का क्लियरेंस कैंसिल किया

सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द होने के बाद 16 मई को सेलेबी ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर केंद्र ने कहा कि एविएशन सिक्योरिटी के लिए खतरे को देखते हुए, बिना किसी चेतावनी के सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द की गई थी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे समय में कार्रवाई से पहले कारण बताना मकसद को विफल करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में या तो हम कुछ करते हैं या फिर कुछ नहीं करते हैं। बीच में कुछ भी नहीं होता।

सेलेबी के सभी मौजूदा कर्मचारियों को नई ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों में शामिल किया जाएगा।

सेलेबी के सभी मौजूदा कर्मचारियों को नई ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों में शामिल किया जाएगा।

दिल्ली एयपोर्ट के लिए भी सेलिबी के साथ पार्टनरशिप खत्म

इससे पहले दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने इसी तरह के कदम में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो संचालन के लिए सेलेबी के साथ अपने संबंधों को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया था। राष्ट्रीय सुरक्षा को इसका कारण बताया गया था।

1958 में स्थापित कंपनी, दुनिया भर में 70 स्टेशनों पर काम करती है

सेलेबी एविएशन तुर्किए की एविएशन इंडस्ट्री में पहली निजी स्वामित्व वाली ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस कंपनी है। यह ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और वेयरहाउस मैनेजमेंट सर्विसेज प्रोवाइड करती है। 1958 में स्थापित, कंपनी आज दुनिया भर में 70 स्टेशनों पर काम करती है।

इसकी सर्विसेज में व्हीलचेयर सपोर्ट, रैंप सर्विसेज, पैसेंजर और कार्गो हैंडलिंग, वेयरहाउस मैनेजमेंट, ब्रिज ऑपरेशन, लाउंज मैनेजमेंट, और एयरक्राफ्ट क्लीनिंग आदि शामिल हैं।

सेलेबी भारत में दिल्ली, कोचीन, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई और गोवा सहित नौ हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज देता है।

सेलिबी ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और वेयरहाउस मैनेजमेंट सर्विसेज प्रोवाइड करती है।

सेलिबी ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और वेयरहाउस मैनेजमेंट सर्विसेज प्रोवाइड करती है।

सेलिबी ने कहा- वो तुर्किए की ऑर्गनाइजेशन नहीं

इस मामले को लेकर सेलेबी एविएशन इंडिया ने कहा- “हम किसी भी मानक से तुर्किए की ऑर्गनाइजेशन नहीं हैं और कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी का पूरी तरह से पालन करते हैं। किसी भी विदेशी सरकार या व्यक्तियों के साथ हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है।”

कंपनी ने कहा- हमें विश्वास है कि फैक्ट, ट्रांसपेरेंसी और कॉमनसेंस मिसइन्फॉर्मेंशन पर विजय प्राप्त करेंगे। ये ग्लोबली ऑपरेटेड कंपनी है। कंपनी में कनाडा, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, UAE और पश्चिमी यूरोप के अंतरराष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों की 65% हिस्सेदारी है।

15 साल से भारत में काम कर रही है सेलेबी

सेलेबी भारत में 15 साल से भी ज्यादा समय से एक्टिव है। कंपनी का कहना है कि वे प्राइवेट ग्राउंड हैंडलिंग क्षेत्र में टॉप लीडर हैं। हम 10,000 से अधिक भारतीयों को सीधे तौर पर रोजगार देते हैं। हमने 220 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा निवेश किया है।

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