8 घंटे पहले
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अभी आषाढ़ मास का समय चल रहा है और इस महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस साल ये तिथि 6 जुलाई को पड़ रही है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक करना चाहिए। इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और फिर सृष्टि का कार्यभार शिवजी संभालते हैं। चातुर्मास का समय भक्ति, साधना और सेवा का होता है।




देवउठनी एकादशी के बाद फिर से होंगे शुभ कार्य
देवउठनी एकादशी (1 नवंबर) के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं। इसके बाद फिर से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य शुरू होते हैं।