नई दिल्ली10 मिनट पहले
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर लिमिटेड और उसके 10 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए एक चार्जशीट दाखिल की है। 2024 का ये मामला एक फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है, जिसकी कीमत 68.2 करोड़ रुपए थी।
यह गारंटी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) से एक टेंडर हासिल करने के लिए जमा की गई थी। ED की जांच में पता चला है कि रिलायंस ग्रुप के अधिकारी इस फर्जीवाड़े के बारे में पूरी तरह जानकार थे।
आरोप क्या हैं? ED का कहना है कि रिलायंस ग्रुप के अधिकारियों ने ‘कॉनिवेंस’ (साजिश) और ‘माला फाइड इंटेंशन’ (बुरे इरादे) से SECI का टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी गारंटी जमा की। विदेशी बैंकों से फर्जी गारंटी बनाई गईं, SBI के नाम पर फर्जी एंडोर्समेंट किए गए।
फंड्स को गलत तरीके से रूट किया गया, फर्जी डॉक्यूमेंट्स इस्तेमाल किए गए। ED ने कहा कि रिलायंस पावर ने माला फाइड इंटेंट से बिस्वाल ट्रेडलिंक की सर्विसेज हायर कीं ताकि फर्स्ट रैंड बैंक (फिलपींस) और ACE इन्वेस्टमेंट बैंक (मलेशिया) से फर्जी गारंटी बने। यह सब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अपराध है।
कौन-कौन शामिल हैं? मुख्य आरोपी
- रिलायंस पावर लिमिटेड: मुख्य कंपनी, जो लिस्टेड है।
- रिलायंस NU BESS लिमिटेड: टेंडर के लिए गारंटी जमा करने वाली सहायक कंपनी।
- रोजा पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड: फंड ट्रांसफर करने वाली दूसरी सहायक कंपनी।
- अनिल अंबानी: रिलायंस ग्रुप के प्रमुख बिजनेसमैन। ग्रुप का कहना है कि वह पिछले 3.5 साल से रिलायंस पावर के बोर्ड पर नहीं हैं और इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं।
- अशोक कुमार पाल: रिलायंस पावर के पूर्व सीएफओ (चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर)
- बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड: फर्जी गारंटी जारी करने वाली शेल कंपनी।
- पार्थ सारथी बिस्वाल: बिस्वाल ट्रेडलिंक के एमडी
- अमर नाथ दत्ता: ट्रेड फाइनेंसिंग कंसल्टेंट
- अन्य आरोपी: रविंदर पाल सिंह चड्ढा, मनोज भयासाहेब पोंगड़े, पुनीत नरेंद्र गर्ग।
अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की? दिल्ली पुलिस EOW ने नवंबर 2024 में फर्जी गारंटी के लिए FIR दर्ज की। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की, 5.15 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की। अशोक पाल और अमर दत्ता को गिरफ्तार किया, जो अब ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।
अनिल अंबानी ग्रुप की ₹10,117 करोड़ की संपत्ति जब्त प्रवर्तन निदेशालन (ED) ने शुक्रवार (5 दिसंबर) को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों की 1,120 करोड़ रुपए की नई संपत्तियां अटैच की हैं। इसके साथ ही समूह के खिलाफ अब तक 10,117 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। पूरी खबर पढ़ें
