Chandigarh’s former chief architect Sumit Kaur arrested 2.5 crore fraud | चंडीगढ़ साइबर ठगी में 3 और गिरफ्तार: 11 पकड़े जा चुके; पूर्व चीफ आर्किटेक्ट से 2.5 करोड़ ठगे, CBI अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट किया था – Chandigarh News

पूर्व चीफ आर्किटेक्ट से 2.5 करोड़ ठगी करने वाले 3 और गिरफ्तार।

चंडीगढ़ के सेक्टर-10ए की रहने वाली पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर से सुप्रीम कोर्ट जज और सीबीआई अधिकारी बनकर 2.5 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के 3 और सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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अब तक इस मामले में कुल 11 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। गिरफ्तारियां साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अगुआई और डीएसपी वेंकटेश की निगरानी में की गई हैं। मामले की जांच जारी है और पुलिस को गिरोह से जुड़े और लोगों की तलाश है।

बोला- सीबीआई अफसर से करिए बात

साइबर सेल को दी शिकायत में चंडीगढ़ सेक्टर 10 की रहने वाली पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर ने बताया 3 मई को महिला को एक फोन कॉल आया। जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया), का अधिकारी बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर का गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। जिसके चलते उन पर एफआईआर दर्ज है। ठगों ने महिला को आगे की जांच के लिए एक कथित पुलिस अधिकारी से जोड़ दिया।

ठगी करने वाले तीनों आरोपी पुलिस गिरफ्त में।

ठगी करने वाले तीनों आरोपी पुलिस गिरफ्त में।

वॉट्सऐप कॉल से व्यक्ति से जोड़ा

इसके बाद वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से महिला को एक व्यक्ति से जोड़ा गया, जिसने खुद को सीबीआई का डीआईजी राज रंजन बताया। कॉल में महिला को बताया गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। जिसमें जेट एयरवेज के सीईओ नरेश गोयल भी शामिल हैं।

उन्हें फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया और यह भी कहा कि मुंबई के कैनरा बैंक में उनके नाम से एक फर्जी खाता खोला गया है। जिसका इस्तेमाल अपराध में हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के जज की फर्जी वीडियो कॉल

4 मई को शिकायतकर्ता को बताया कि वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ में हैं और अब उन्हें हर समय मोबाइल ऑन रखना होगा। उनकी बैंक, बीमा, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और डाकघर में जमा पूरी संपत्ति की जानकारी मांगी गई। 5 मई को महिला को एक वीडियो कॉल के जरिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलवाया गया।

फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाया

उन्हें एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाकर कहा गया कि उनकी सारी संपत्ति को 48 घंटे के लिए एक ‘सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट’ में ट्रांसफर करना होगा। चूंकि महिला उसी दिन पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकी, उनसे एक आवेदन लिखवाया गया, जिसमें अधिक समय मांगा गया।

साइबर ठग।

साइबर ठग।

दबाव में 2.5 करोड़ किए ट्रांसफर

इसके बाद ठगों ने महिला को लगातार फोन और वीडियो कॉल पर निर्देश देते रहे कि बैंक में क्या कहना है, किससे कैसे बात करनी है और सार्वजनिक जगहों पर कैसे व्यवहार करना है। लगातार गिरफ्तारी की धमकियों और मानसिक दबाव में महिला ने करीब 2.5 करोड़ रुपए की रकम कई किश्तों में ठगों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दी।

ये किए 3 आरोपी गिरफ्तार..

प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके मोबाइल नंबर से एक फर्जी KYC दस्तावेजों से इंडसइंड बैंक का खाता खुलवाया गया था जिसे स्कैम में इस्तेमाल किया गया।

इसके एवज में उसे ₹54,000 मिले थे। उसने बताया कि अभिजीत और अनुराग उर्फ विक्रांत भी इस गैंग का हिस्सा हैं और नासिक, मुंबई और भोपाल में इनसे मुलाकात हुई थी। वहां 15% कमीशन के बदले बैंक खाते मुहैया करवाने की डील हुई थी।

इसके बाद यूपी में दबिश देकर 27 जून 2025 को अभिजीत और अनुराग को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। इससे पहले पुलिस ने 8 आरोपी मनीष जायसवाल, चित्रांश चौरसिया, प्रिंस सिंह, जुब्बार अली, मोहम्मद अजीत उल्लाह, धर्मेंद्र सिंह , राम किसन सिंह और साकिब को गिरफ्तार किया था।

अब तक की रिकवरी

मोबाइल फोन (एक्टिव सिम कार्ड्स सहित) और फर्जी KYC दस्तावेज और अन्य जरूरी कागजात रिकवर हुए हैं।

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