चंडीगढ़ सेक्टर-50 स्थित गवर्नमेंट कॉमर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कॉलेज को 19 साल बाद अस्थाई मान्यता मिल गई है। प्रशासन के उच्च शिक्षा विभाग ने इस कॉलेज को अब तक स्थायी मान्यता नहीं दी थी, जिसके कारण छात्रों और शिक्षकों को काफी मुश्किलों का सामना कर
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कॉमर्स कॉलेज का निर्माण 2006 में 14 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था, लेकिन लंबे समय तक यह कॉलेज सेक्टर-46 के पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज की मान्यता के सहारे चल रहा था। शिक्षकों और गैर-शिक्षक स्टाफ की कमी के कारण कॉलेज के संचालन में भी कई अड़चने थीं, जिनका समाधान अब अस्थाई मान्यता मिलने के बाद कुछ हद तक हो सकेगा।
रिटायर हो चुके हैं कई प्रोफेसर, नियमित भर्तियों की कमी कॉलेजों में पिछले 10 सालों से नियमित भर्तियां नहीं हुई हैं, जिसके चलते कई प्रोफेसर रिटायर हो चुके हैं या फिर प्रमोशन लेकर अपने गृह राज्य जा चुके हैं। शहर के अन्य कॉलेजों से अस्थायी शिक्षक कॉलेज में पढ़ा रहे हैं, लेकिन नियमित शिक्षकों और स्टाफ की कमी के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक रूबिंदरजीत सिंह बराड़ ने जानकारी दी कि अस्थाई मान्यता मिलने के बाद अब स्थायी मान्यता के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए एक अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी गई है। रेगुलर मान्यता मिलने के बाद छात्रों को पीएचडी और शोध कार्य करने के बेहतर अवसर मिल सकेंगे, साथ ही शिक्षकों की नियमित भर्ती और प्रमोशन भी हो सकेंगे।
शहर के 11 डिग्री कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है, और रेगुलर मान्यता मिलने के बाद सेक्टर-50 का यह कॉमर्स कॉलेज भी उन्हीं की तरह शिक्षा और शोध कार्यों में अग्रणी बन सकेगा।