चंडीगढ़ में सेक्टर 34 थाना पुलिस ने 74 साल की एक बुजुर्ग महिला की लापरवाही से मौत के मामले में सेक्टर-33 स्थित निजी अस्पताल के डॉक्टर परमिन्द्र और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में मृतक के बेटे ने अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ मेडिकल सुप्री
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बोर्ड में डॉक्टरों की 5 सदस्यीय टीम बनाई गई। शिकायत मे कहा गया था कि सेक्टर- 32 अस्पताल के डॉक्टरों ने उनसे कहा कि जो चूल्हे में पार्ट डाला है, उसे लैंडमार्क के डॉक्टरों से यह लिखवाकर लाएं। लेकिन लैंडमार्क के डॉक्टरों ने लिखकर देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उनकी मां की एमआरआई नहीं हो सकी।
फेज-9 मोहाली निवासी सुखविन्द्र पाल सिंह सोढी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मार्च में उनकी मां अमरजीत कौर अचानक घर के अंदर गिर गई थी। उन्होंने इलाज के लिए अपनी मां को सेक्टर-33 के लैंडमार्क अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी टांग के दायने चूल्हे में फ्रैक्चर पाया गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के दो दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
इलाज के तीन-चार दिनों के बाद दिक्कत होने लगी इलाज के तीन-चार दिनों के बाद उनकी मां को और दिक्कतें आने लगी। उन्हें उल्टी होने लगी। जिसके बाद वह दोबारा अस्पताल गए तो अस्पताल स्टाफ ने उनकी मां को बिना दाखिल किए दवा लिखकर वापस भेज दिया। सुखिंदर पाल सिंह सोढ़ी ने बताया कि सोडियम लेवल 120 होने के के बावजूद लैंडमार्क अस्पताल ने उनकी मां को भर्ती नहीं किया।
जबकि सोडियम लेवल 124 से नीचे होने पर मरीज को तुरंत इलाज के लिए भर्ती किया जाता है। जिसके चलते उनकी मां की तबीयत और बिगड़ने लगी और उन्हें दौरे भी पड़ने लगे। उन्होंने डॉक्टर से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई आईसीयू सुविधा नहीं है ।
सुखिंदर के अनुसार जब उनकी मां का लैंडमार्क अस्पताल में पूरे तरीके से इलाज नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी मां सेक्टर 32 के अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उनकी मां कई दिनों तक आईसीयू में रहीं। इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई।