चंडीगढ़ प्रेस क्लब में सेवानिवृत्त सैनिक एकजुट हुए।
भारतीय सेना के रैंक, उपाधि और प्रोटोकॉल पर मंडरा रहे संकट को लेकर चंडीगढ़ प्रेस क्लब में 60 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी), अग्निवीर योजना और शॉर्ट सर्विस कमीशन जैसी योजनाओं को लेकर चिंता जताई गई।
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सेमिनार के बाद लाइव ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति से सेना की गरिमा बचाने की अपील की गई।
राजनीतिक हस्तक्षेप और गिरते सैन्य मानकों पर चिंता
सेमिनार के मुख्य वक्ताओं में लेफ्टिनेंट कर्नल जीपीएस विर्क, कैप्टन रमेश भारद्वाज, कर्नल टीबीएस बेदी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट रेनू लांबा और कर्नल सचदेवा शामिल रहे। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हस्तक्षेप से भारतीय सेना की गरिमा खतरे में है। अग्निवीर योजना और थ्री-टियर सिस्टम जैसी नीतियां सेना की प्रतिष्ठा को कमजोर कर रही हैं, जिससे युवा फौज में शामिल होने से कतराने लगे हैं।
सेना की गरिमा बचाने के लिए प्रमुख मांगें
पूर्व अधिकारियों ने सेना के गिरते स्तर को सुधारने के लिए कई अहम सुझाव दिए:
- मिलिट्री रैंक्स और प्रोटोकॉल की बहाली।
- यूनिवर्सल वन रैंक वन पेंशन का प्रभावी क्रियान्वयन।
- थ्री-टियर सिस्टम लागू करना।
- शॉर्ट सर्विस कमीशन की अवधि तय करना।
- फॉर आर्म्ड सर्विस के लिए अलग पे कमिशन।
- एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एक्ट की स्थापना।
सेना की साख बचाने की अपील
पूर्व फौजियों ने कहा कि राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए फौज की साख से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह स्थिति सेना की गरिमा और देश की सुरक्षा के लिए घातक है। उन्होंने सरकार से अपील की कि सेना के प्रोटोकॉल और सम्मान को प्राथमिकता दी जाए और सेना पर आधारित सभी योजनाओं की समीक्षा हो।
सेमिनार का निष्कर्ष सरकार तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ट्वीट कर भारतीय सेना की गरिमा को बहाल करने की मांग की गई।