chandigarh punjab and haryana High court order | पंजाब सरकार को हाईकोर्ट का आदेश: 4 माह में आदर्श स्कूलों की समीक्षा करे, वेतन विसंगतियों पर निर्णय लें – Chandigarh News


पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को राज्य के आदर्श स्कूलों की व्यवस्था की समीक्षा कर उन्हें सरकार के अधीन करने और शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के बराबर वेतन देने पर 4 माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। यह आदेश 30 अलग-अलग याचिकाओं की एक स

.

आदर्श स्कूलों की संरचना पर उठे सवाल

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में बताया गया कि राज्य के आदर्श स्कूल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाए जा रहे हैं, जहां निजी संस्थाएं या एनजीओ इनके प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाती हैं। इन स्कूलों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना था। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाया कि इन स्कूलों के शिक्षक सरकारी कर्मियों के समान वेतन से वंचित हैं और कई माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है।

सरकारी स्कूलों के समान वेतन की मांग

आदर्श स्कूल की शिक्षिका गुरप्रीत कौर और अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों के समान वेतन की मांग की थी। उन्होंने इसके अलावा कुछ मामलों में शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश को भी चुनौती दी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के साथ भेदभाव हो रहा है और उन्हें सरकारी मानदंडों के अनुसार सुविधाएं नहीं दी जा रहीं।

स्कूलों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता

हाईकोर्ट ने पाया कि आदर्श स्कूलों की स्थापना के मूल उद्देश्य को पूर्ण करने में ये स्कूल विफल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि पंजाब शिक्षा विकास बोर्ड के अधीन होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर इन स्कूलों का प्रबंधन निजी सोसायटियों को दिया गया है, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य को सही ढंग से पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

समीक्षा के लिए समिति गठित

इस संदर्भ में, हाईकोर्ट ने पंजाब के शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि वे स्कूलों की योजना की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन करें। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस आदेश के अनुसार समिति का गठन कर लिया गया है और अब स्कूलों की संरचना, प्रबंधन और शिक्षकों की वेतन विसंगतियों पर विचार किया जा रहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार को इन स्कूलों की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा कर 4 माह के भीतर निर्णय लेना होगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर शिक्षा और शिक्षकों को न्यायपूर्ण वेतन सुनिश्चित किया जा सके।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *