चंडीगढ़ पीजीआई में महिला रेडियोग्राफर सुपरवाइजर नरिंद्र कौर की ड्यूटी के दौरान आत्महत्या मामले की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें आउटसोर्स अटेंडेंट सूरज को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके आधार पर पी.जी.आई. प्रशासन ने सूरज को उपलब्ध
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पीजीआई के सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सूरज ने ऑफिस में ऐसा माहौल बनाया जिससे नरिंद्र कौर मानसिक रूप से परेशान हुई और आत्महत्या करने को मजबूर हुई। कंपनी को इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी पी.जी.आई. को भी देनी होगी।
जांच में बाकी सभी आरोपी बरी
इस मामले में पीड़िता के पति गुरिंदर सिंह ने सूरज समेत पीजीआई के कई स्टाफ सदस्यों पर मानसिक उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए थे। पुलिस में दर्ज शिकायत में सुपरवाइजर दिव्या शर्मा, उनके पति अजय, नवजोत सिंह, अमित कुमार और डॉ. अक्षय सक्सेना के नाम शामिल थे। हालांकि जांच कमेटी ने सभी को क्लीन चिट दे दी है और सिर्फ सूरज को दोषी माना है।

पीजीआई चंडीगढ़।
ड्यूटी के दौरान कमरे में की थी आत्महत्या
रेडियोग्राफर सुपरवाइजर नरिंद्र कौर पीजीआई में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर (एपीसी) की इंचार्ज थीं। कुछ दिन पहले ही उनका तबादला न्यू ओ.पी.डी. में कर दिया गया था, जबकि उनकी जगह दिव्या शर्मा को एपीसी भेजा गया था। नरिंद्र इस बदलाव से खुश नहीं थीं।
11 मार्च 2024 को नरिंद्र कौर ड्यूटी पर आईं और खुद को कमरे में बंद कर लिया। काफी देर तक बाहर न निकलने पर स्टाफ ने दरवाजा तोड़ा तो वह बेहोश मिलीं। नस काटने से अधिक खून बहने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।
6 महीने से तनाव में थीं पत्नी
पति गुरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी पिछले 6 महीने से मानसिक तनाव में थीं। उन्होंने कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्टाफ की प्रताड़ना के बारे में बताया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनके दो छोटे बच्चे हैं, जो अब मां के बिना हैं।