Chandigarh PGI one year 5 thousand kidney transplants | चंडीगढ़ PGI में एक साल में 5000 किडनी ट्रांसप्लांट: 16 से घटकर 3 महीने हुई वेटिंग लिस्ट;OPD में प्रतिदिन आ रहे 400 मरीज – Chandigarh News


चंडीगढ़ में पी.जी.आई. ने किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्थान ने एक साल में 5 हजार से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर देश में सरकारी अस्पतालों के बीच एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। पहले जहां मरीजों को 12 से 16 महीने तक व

.

पी.जी.आई. के डायरेक्टर डॉ. विवेक लाल ने बताया कि यह उपलब्धि उनके कार्यकाल की प्राथमिकताओं में से एक रही है। उन्होंने बताया कि 90 के दशक से किडनी ट्रांसप्लांट कर रहा पी.जी.आई. पहले सालाना 200 से अधिक ट्रांसप्लांट नहीं कर पाता था। लेकिन अब संस्थान ने अपनी क्षमता को काफी बढ़ा लिया है।

नए बदलाव और बेहतर सुविधाएं

पी.जी.आई. में अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो यूनिट सक्रिय हैं। रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के साथ यूरोलॉजी विभाग भी ट्रांसप्लांट कर रहा है। इस उपलब्धि का श्रेय ऑपरेशन थिएटर की डेडिकेटेड व्यवस्था और बेहतर प्रबंधन को दिया जा रहा है।

नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. राजा राम ने बताया कि ब्रेन डेड मरीजों और लाइव डोनर के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं। इसके लिए एक अलग ग्रुप और टीम का गठन किया गया है, जो मरीजों के सभी टेस्ट समय पर पूरा कर ट्रांसप्लांट में देरी नहीं होने देती।

सरकारी स्कीम से मिल रही सहायता

पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों में ज्यादातर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से हैं। इनमें से 50% से अधिक मरीज सरकारी स्कीम जैसे मुख्यमंत्री फंड के तहत ट्रांसप्लांट कराते हैं। ट्रांसप्लांट में लगभग 2 लाख रुपए खर्च होते हैं और फंड आने में लगभग 2 महीने का समय लगता है।

मरीजों की वेटिंग लिस्ट घटने का कारण

डॉ. राजा राम ने बताया कि वेटिंग लिस्ट में कमी आने के पीछे बेहतर प्रबंधन, स्ट्रीम लाइन प्रक्रिया और अलग-अलग यूनिट्स का योगदान है। हालांकि, कई बार मरीज को इंफेक्शन या अन्य समस्याओं के चलते ट्रांसप्लांट में देरी हो जाती है। लेकिन स्वस्थ मरीजों का ट्रांसप्लांट तेजी से किया जा रहा है।

ओ.पी.डी. में बढ़ते मरीजों की संख्या

नेफ्रोलॉजी ओ.पी.डी. में प्रतिदिन लगभग 400 मरीजों का इलाज किया जाता है, जिसमें 30% नए मरीज शामिल होते हैं। इन मरीजों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं देकर पी.जी.आई. ने देश के अन्य अस्पतालों के लिए एक मिसाल पेश की है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *