पुलिस ने कॉन्स्टेबल बलविंदर को 2 अगस्त को गिरफ्तार किया था। फाइल फोटो।
चंडीगढ़ में एक एनआरआई को फंसाने व अवैध वसूली के लिए उसकी गाड़ी में ड्रग रखने के मामले में गिरफ्तार हुए चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह को चंडीगढ कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस मामले में उनके साथ गिरफ्तार हुई सह आरोपी महिला को डेढ़ महीने पहल
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जानकारी के अनुसार सेक्टर-17 थाना पुलिस ने कॉन्स्टेबल बलविंदर को तीन माह पहले महिला के साथ मिलकर एनआरआई की कार में अफीम रखने और उसे डरा-धमकाकर पैसे वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में कॉन्स्टेबल के वकील सुनील दीक्षित ने कोर्ट में दावा किया कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह 2009 से पुलिस सेवा में है और उसके खिलाफ अब तक कोई शिकायत नहीं रही है।
गौरतलब है कि इस केस की सह-आरोपी महिला को करीब डेढ़ महीने पहले ही जमानत मिल चुकी है। कॉन्स्टेबल के वकील ने इसी आधार पर जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को भी जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। हालांकि, सरकारी पक्ष ने इस जमानत का विरोध किया, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और मामले के तथ्यों की समीक्षा करने के बाद कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह को जमानत दे दी।
केस में गिरफ्तार महिला को डेढ़ महीने पहले जमानत मिल चुकी है। फाइल फोटो।
दो मई की है घटना
सेक्टर-68 के रहने वाले जसपाल सिंह चीमा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वे अमेरिका में रहते हैं और दो मई को भारत आए थे। हरिंदर कौर पिछले छह साल से उनके घर की देखभाल कर रही थी। 18 जुलाई को वे हरिदंर के साथ अपनी गाड़ी से सेक्टर-22 की मार्केट में शॉपिंग करने गए। उन्होंने किरण सिनेमा की पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी।
जब वे शॉपिंग कर लौटे तो रात करीब 9.40 बजे दो शख्स उनके पास आए। इनमें से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी जिस पर बलविंदर सिंह नाम की प्लेट लगी थी। बलविंदर ने कहा कि वे उनकी गाड़ी की तलाशी लेना चाहता है। उसने गाड़ी की तलाशी लेनी शुरू कर दी जबकि उसके साथ दूसरा शख्स उनकी वीडियो बना रहा था।
केस बनाने की दी धमकी
चीमा को उन दोनों की हरकत पर कुछ शक हुआ। तभी उसने कहीं से एक काले रंग का लिफाफा निकाला और उसे फाड़ दिया। उसमें कुछ पाउडर नुमा पदार्थ निकला जिसे बलविंदर ने अफीम बताया। वह कहने लगा कि उनके खिलाफ नशा तस्करी का बड़ा केस बनेगा। वह उन्हें धमकाने लगा जबकि चीमा ने कहा कि ये पैकेट उनका नहीं है। इतने में चीमा के साथ मौजूद उनकी महिला मित्र हरिंदर ने पुलिसकर्मी से बातचीत शुरू कर दी और मौके पर अपनी एक सहेली रिया और उसके जीजा करण को मदद के लिए बुला लिया। वे कुछ देर बाद ही वहां आ गए। उन्होंने भी पुलिसकर्मी से चीमा को छोड़ने के लिए कहा। लेकिन वह केस दर्ज करने की जिद पर अड़ा रहा।
40 हजार रुपए दिए
कुछ देर बातचीत के बाद बलविंदर ने कहा कि वह उन्हें छोड़ देगा लेकिन बदले में उसने सात लाख रुपये की डिमांड की। चीमा उसकी डिमांड सुनकर हैरान रह गए। कुछ बातचीत के बाद बलविंदर तीन लाख रुपये लेने पर राजी हो गया। तभी हरिंदर कौर ने चीमा का एटीएम लिया और उसमें से 40 हजार रुपए निकालकर बलविंदर को दे दिए। बलविंदर ने बाकी के 2.60 लाख रुपए जल्द ही देने के लिए कहा और करण से कहा कि तू इनकी गारंटी ले रहा है।
इसलिए तू इनका पासपोर्ट मुझे लाकर दे। अगले दिन हरिंदर कौर ने चीमा से कहा कि बलविंदर उसकी दोस्त रिया और करण को धमकाकर और पैसे मांग रहा है। तब चीमा को शक हुआ कि ये सब उनके साथ साजिश के साथ किया जा रहा है, जिसमें बलविंदर के साथ हरिंदर, रिया और करण भी मिले हुए हैं। ऐसे में चीमा ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर जांच के बाद बलविंदर और हरिंदर को गिरफ्तार कर लिया।