पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू की खंडपीठ ने मोरनी में अवैध निर्माण पर लगाई रोक के आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जताई। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विजय बंसल की ओर से मौतोड़ भूमि मालिकाना हक को लेकर दायर जनहित याचि
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किसानों को हक दिलाने के लिए कि याचिका दायर
शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि 2017 में किसानों को उनका हक दिलाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। वन विभाग ने कोर्ट में 2018 में झूठा शपथपत्र देकर बताया था कि नौतोड़ की समस्या के समाधान के लिए सेवानिवृित्त आईएफएस अधिकारी एमपी शर्मा को 2 वर्ष के लिए फॉरेस्ट सेटलमेंट अफसर नियुक्त कर सुविधाएं मुहैया करवा दी हैं।
शपथपत्र के साथ रिपोर्ट देने के आदेश दिए
मालिकाना हक के मामले में खंडपीठ जमीन आदेश सरकार को शपथपत्र के साथ रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि हिरिस्ट सेटलमेंट अधिकारी एमपी शर्मा को पर्याप्त सविधाएं देकर कार्य को जारी रखा जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रवि शर्मा और सजल बंसल ने बताया कि कुछ बदलाव के साथ अगली सुनवाई 29 अगस्त के लिए तय की गई है।
मोबाइल नेटवर्क न होने का भी जिक्र किया गया
पंचकूला के उपायुक्त की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि मोरनी पहाड़ी क्षेत्र में स्थित 14 भोज मसावियों का डिजिटाइज और 172 बास की रेफरेंसिंग का कार्य किया। इसके साथ ही स्टेटस रिपोर्ट में मोबाइल नेटवर्क न होने का भी जिक्र किया गया था।