चंडीगढ़ प्रशासन ने गोयनका ग्रुप से समझौता किया।
चंडीगढ़ में 1 फरवरी से शहर की बिजली वितरण व्यवस्था पूरी तरह से निजी क्षेत्र के हाथों में होगी। चंडीगढ़ प्रशासन ने आरपी-संजीव गोयनका समूह की सहायक कंपनी एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (ईईडीएल) के साथ शेयर खरीद समझौता कर लिया है।
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इस महत्वपूर्ण बदलाव को नवंबर 2024 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और दिसंबर 2024 में सर्वोच्च न्यायालय से मंजूरी मिल चुकी है। ईईडीएल ने इस परियोजना में 871 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जो आरक्षित मूल्य से अधिक है। कंपनी ने शहर के 2.35 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने का वादा किया है।
बिजली वितरण को आधुनिक बनाने के लिए स्मार्ट ग्रिड तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए समर्पित हेल्पलाइन और ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की योजनाएं भी बनाई गई हैं। संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) बिजली दरों की निगरानी करेगा, जिससे टैरिफ पारदर्शी और संतुलित रहेगा।