सारंगपुर में प्रस्तावित एजुकेशन सिटी
चंडीगढ़ प्रशासन ने सारंगपुर में प्रस्तावित एजुकेशन सिटी को विश्व स्तरीय अनुसंधान केंद्र और कौशल विकास व इनक्यूबेशन केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के निर्देश पर लिया गया है, जिन्होंने हाल ही मे
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पुरानी योजना को मिला नया जीवन
एजुकेशन सिटी का प्रस्ताव पहली बार 2006 में न्यू चंडीगढ़ रोड पर 150 एकड़ में आया था, लेकिन यह योजना निष्क्रिय पड़ी रही। पिछले साल, प्रशासन ने इसे शिक्षा के केंद्र के रूप में पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया। 2009 में, प्रशासन ने इस परियोजना के लिए नौ खिलाड़ियों का चयन किया था, लेकिन केवल तीन ने ही समझौते पर हस्ताक्षर किए। उनमें से भी दो ने बाद में अपने प्लॉट सरेंडर कर दिए, और केवल एक संस्थान ने यहां अपना कैंपस स्थापित किया।
देश-विदेश के शीर्ष संस्थानों के साथ सहयोग की योजना
यूटी शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों और शीर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थानों के साथ सहयोग करे। इसके तहत आईआईटी-रोपड़ और आईआईएम-अमृतसर से एजुकेशन सिटी में कैंपस स्थापित करने के लिए संपर्क किया गया है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।
लीज अवधि और भूमि आवंटन पर विचार-विमर्श जारी
एजुकेशन सिटी के प्लॉट आवंटन की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन लीज अवधि, पात्रता मानदंड और दरों पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। प्रशासन ने पहले लीज अवधि को 99 साल से घटाकर 33 साल करने का प्रस्ताव रखा था ताकि योग्य संस्थानों का चयन किया जा सके। वर्तमान में एजुकेशन सिटी में 32.8 एकड़ भूमि नीलामी के लिए विचाराधीन है, जिसमें छह भूखंड शामिल हैं। इनमें से तीन भूखंड 6 एकड़, एक 2.5 एकड़, और एक 3 एकड़ का है।
चंडीगढ़ बनेगा शिक्षा और अनुसंधान का केंद्र
एजुकेशन सिटी में अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्रों, कौशल विकास और इनक्यूबेशन केंद्रों के विकास से चंडीगढ़ को शिक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक नए आयाम तक पहुंचाया जा सकेगा। इसके माध्यम से शहर में रोजगार के अवसरों के साथ-साथ नवोन्मेषी परियोजनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।