श्रीखण्ड क्षेत्रीय संगठन ने बेसकैम्प में किया प्रदर्शन।
कुल्लू में श्रीखण्ड महादेव यात्रा के दौरान चंडीगढ़ के युवक की मौत मामले में आज लोगों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और यात्रा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए। मृतक की पहचान अभय के तौर हुई है। यात्रा और मृतक के साथ गए उसके चचेरे भाई द्वारा लगाए गए आ
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बात दे कि गुरुवार को श्रीखंड में भगवान भोले के दर्शन करके वापस लौट रहे 33 वर्षीय अभय की अचानक तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। संगठन के प्रधान मोहन सिंह राजू और अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस बार यात्रा में प्रशासन की ओर से व्यवस्था में कोताही बरती की गई।
उन्होंने कहा कि श्रीखण्ड के दर्शनों से लौटते हुए मृतक अभय की बिगड़ती हालत के बावजूद उसे मुश्किल हालात में सिर्फ दो पोर्टरों के सहारे बेस कैंप से जाओं तक भेजा गया, जबकि प्रशासन को चाहिए था कि ट्रस्ट का कोई जिम्मेदार कर्मचारी भी साथ भेजा जाता। मृतक के भाई के अनुसार पोर्टरों ने बीमार अभय को बेसकैम्प लाने के नाम और पहले ही पैसों की मांग रखी थी।
एक-डेढ़ घंटों के रास्ते मे 5 घंटों का समय लगाया वहीं प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पोर्टरों ने बीमार श्रद्धालु को रास्ते में पैसों के लिए रोककर रखा, और एक-डेढ़ घंटों के रास्ते मे 5 घंटों का समय लगा दिया, यहां तक कि उसे बारिश में भीगने को मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार एक बीमार व्यक्ति के साथ नहीं, बल्कि एक सामान बोरी के साथ किया गया जैसा था –जो न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा भी।
मोहन सिंह राजू ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से जबरन पैसे मांगने और प्रशासन के तय रेट से ज्यादा में सामान बेचने वालों पर सख्ती नहीं बरती गई, तो संगठन भविष्य में इस यात्रा को पूरी तरह से रोकने पर विचार करेगा और उग्र प्रदर्शन करेगा। साथ ही उन्होंने इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
प्रदर्शन के बाद एसडीएम निरमण्ड एवं श्रीखण्ड महादेव यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जहां भी व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश है, उसे तुरंत सुधारा जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।