नई दिल्ली7 मिनट पहले
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केजरीवाल ने इस्तीफे के बाद 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित CM आवास खाली कर दिया था। वे अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों के साथ कार से जाते दिखे थे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बंगला आवंटित करने में देरी के लिए केंद्र सरकार को फटकाई लगाई। जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि सरकार का रवैया ‘सभी के लिए फ्री सिस्टम’ जैसा है। किसे मकान मिलेगा, किसे नहीं, यह सरकार चुनिंदा तरीके से तय नहीं कर सकती।
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी एक याचिका में केजरीवाल को दिल्ली में सरकारी आवास आवंटित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की है। AAP ने दावा किया कि उसने इसको लेकर पिछले साल 20 सितंबर को केंद्र को पहली बार पत्र लिखा था। उसके बाद एक रिमाइंडर भी भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
AAP ने कहा कि कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद 4 अक्टूबर, 2024 को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। इसके बाद से, वह मंडी हाउस के पास एक पार्टी सांसद के सरकारी आवास में रह रहे हैं।

केजरीवाल CM पद से इस्तीफा देने से पहले, 6 फ्लैगस्टाफ रोड के बंगले में 9 साल तक रहे थे।
AAP बोली- केजरीवाल को मिलने वाला बंगला किसी और को दिया AAP के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट में बताया कि इस साल मई में बसपा सुप्रीमो मायावती ने 35 लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली कर दिया था। केंद्र के वकील ने केजरीवाल को यह बंगला आवंटित करने के पार्टी के प्रस्ताव पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा था।
मेहरा ने दावा किया कि केंद्र सरकार के वकील ने ASG की गैरमौजूदगी का हवाला देते हुए बार-बार समय मांगा और बाद में यह बंगला किसी और को आवंटित कर दिया गया। AAP के वकील ने केंद्र सरकार के वकील पर पिछली दो सुनवाई के दौरान कोर्ट में मामले को लटकाए रखने का भी आरोप लगाया।
AAP ने कहा गया राजनीतिक दलों को जनरल पूल से आवास आवंटन के नियमों के तहत, किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को दिल्ली में एक सरकारी आवास का अधिकार है। बशर्ते कि उनके पास न तो अपना कोई मकान हो और न ही उन्हें किसी पद पर रहने के चलते आवास आवंटित किया गया हो।

केजरीवाल ने CM आवास छोड़ते वक्त कर्मचारियों के गले लगाया। उनकी पत्नी ने चाबी सौंपी थी।
केंद्र ने कहा- जब संभव होगा, तब आवास आवंटित कर दिया जाएगा केंद्र की तरफ से पेश, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा ने माना कि बंगला 35, लोधी एस्टेट, एक राज्य मंत्री को आवंटित किया गया था। उन्होंने कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी के लिए कोई विशेष बंगले के आवंटन की मांग नहीं कर सकता।
चेतन शर्मा ने सरकारी आवासों के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब संभव होगा, तब केजरीवाल को आवास आवंटित कर दिया जाएगा। इस पर जस्टिस दत्ता ने नाराजगी जताई और कहा कि एक तरफ आप मामले की सुनवाई टालने को कहते हैं और दूसरी तरफ 35 लोधी एस्टेट किसी और आवंटित भी कर दिया।
कोर्ट ने कहा- वेटिंग लिस्ट बंगला आवंटन में रुकावट नहीं डाल सकती जस्टिस ने केंद्र से कहा- आपको इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं है। पिछली बार भी यही हुआ था। वेटिंग लिस्ट बंगला आवंटन में रुकावट नहीं डाल सकती। पहले भी वेटिंग लिस्ट के कारण किसी को बंगला मिलने में देरी नहीं हुई है।
हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि आपने राज्य मंत्री को 35 लोधी एस्टेट कब आवंटित किया, इसकी सटीक तारीख बताइए। साथ ही केंद्र को 18 सितंबर तक आवासीय व्यवस्था और वेटिंग लिस्ट से बंगला आवंटन की नीति का रिकॉर्ड जमा करने का निर्देश दिया।
केजरीवाल ने तिहाड़ से निकलने के 22 दिन बाद CM आवास छोड़ा था
13 सितंबर, 2024: केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली शराब नीति मामले में 21 मार्च 2024 को ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे तिहाड़ जेल में थे। गिरफ्तारी के 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।
15 सितंबर, 2024: केजरीवाल ने CM पद छोड़ने का ऐलान किया अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को CM पद छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा- भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। अगले विधानसभा चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
17 सितंबर, 2024: केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी नई CM बनीं केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के 4 दिन बाद, 17 सिंतबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया। 17 सिंतबर को ही दिल्ली सरकार में मंत्री रहीं आतिशी ने नई सरकार का दावा पेश किया था। इसके बाद उन्होंने बतौर CM दिल्ली में AAP की सरकार का नेतृत्व किया।