Central Vista Project; MHA New Office Location | North South Block | गृह मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से शिफ्ट हो रहा: सभी मंत्रालय सेंट्रल विस्टा के तहत नई इमारत में जाएंगे, नॉर्थ-साउथ ब्लॉक में म्यूजियम बनेगा

नई दिल्ली1 मिनट पहले

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केंद्रीय गृह मंत्रालय का पता रायसीना हिल्स, नॉर्थ ब्लॉक से जल्द ही बदलने वाला है। इसे जनपथ में बनी कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सभी मंत्रालयों के लिए कर्तव्य पथ पर 10 ऑफिस बिल्डिंग और एक कन्वेंशन सेंटर समेत CCS बनना है। इनमें से तीन बिल्डिंग लगभग बन चुकी हैं।

धीरे-धीरे अन्य ऑफिस भी यहां से CCS शिफ्ट किए जाएंगे। अभी नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), रक्षा, गृह, विदेश और वित्त मंत्रालय जैसे कई अहम ऑफिस हैं।

सभी ऑफिस शिफ्ट होने के बाद दोनों ब्लॉकों को ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’में बदल दिया जाएगा। इसमें करीब 25 से 30 हजार कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।

यह दुनिया के सबसे बड़े म्यूजियम्स में से एक होने की संभावना है। करीब 90 सालों से देश का गृह मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से ही संचालित हो रहा था।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इलाका कुछ इस तरह दिखेगा। इसमें केंद्रीय सचिवालय सहित उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास भी होंगे।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इलाका कुछ इस तरह दिखेगा। इसमें केंद्रीय सचिवालय सहित उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास भी होंगे।

नए कॉम्प्लेक्स में गृह मंत्रालय के लिए 347 कमरे केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने वाले पहले अधिकारियों में से हैं। गृह मंत्रालय को नए कॉम्प्लेक्स में 347 कमरे आवंटित किए गए हैं।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार के सभी ऑफिसों को CCS बिल्डिंग्स में शिफ्ट करने से हर साल करीब एक हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।

अभी कई मंत्रालयों, विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालय अलग-अलग जगहों पर किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं।

एक गवर्नमेंट ऑर्डर के अनुसार, प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर, विदेश मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, MSME मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और कार्मिक विभाग को CCS-3 में शिफ्ट किया जाना है।

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का रीडेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन शामिल है। इसमें नया संसद भवन, मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप-राष्ट्रपति आवास का निर्माण किया जाना है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर, 2019 में हुई थी। 10 दिसंबर, 2020 को PM मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। सरकार ने पूरे प्रोजेक्ट के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है। कर्तव्य पथ के दोनों तरफ के इलाके को सेंट्रल विस्टा कहते हैं।

विजय चौक से इंडिया गेट के बीच 10 इमारतें बनेंगी CCS के लिए विजय चौक से इंडिया गेट के बीच चार प्लॉट पर 10 आधुनिक इमारतें बनेंगी। इन्हीं इमारतों में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय होंगे, जबकि अभी केंद्र के 51 मंत्रालयों में से महज 22 मंत्रालय सेंट्रल विस्टा इलाके में हैं।

तीन प्लॉट में तीन-तीन 8 मंजिला इमारतें और चौथे प्लॉट में एक इमारत के अलावा कन्वेंशन सेंटर होगा। इमारतों की ऊंचाई इंडिया गेट से कम होगी। कन्वेंशन सेंटर में 8000 लोगों की बैठक क्षमता होगी।

सेंटर में सात हॉल होंगे। सबसे बड़े हॉल में 3500 लोग बैठ सकेंगे। 2000 की क्षमता का एक, 1000 की क्षमता के दो और 500 की क्षमता के तीन हॉल होंगे। सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और उद्योग भवन से सभी इमारतों को जोड़ने के लिए अंडर ग्राउंड पब्लिक मूवर शटल्स होंगी।

नया PMO बनेगा के पीछे प्रधानमंत्री आवास होगा नॉर्थ ब्लॉक के पीछे उपराष्ट्रपति आवास बनेगा। अभी उपराष्ट्रपति आवास लुटियंस जोन में साउथ और नॉर्थ ब्लॉक से दूर है। साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे नया PMO बनेगा।

उसके पीछे करीब 15 एकड़ में नया प्रधानमंत्री आवास बनेगा। अभी प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग पर है। इससे PM को अपने आवास से दफ्तर और संसद आने-जाने के लिए ट्रैफिक नहीं रोकना पड़ेगा।

राष्ट्रीय अभिलेखागार इमारत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी, बल्कि इस इलाके की सभी हैरिटेज इमारतों को वैसा ही रखा जाएगा। राष्ट्रपति भवन के पीछे नेशनल बायोडायवर्सिटी आर्बरीटम बनेगा।

सरकार क्यों बना रही नई बिल्डिंग्स सेंट्रल विस्टा में जो पुरानी बिल्डिंग मौजूद हैं उनकी डिजाइन काफी पुरानी है। बदलती जरूरतों के साथ बिल्डिंग में अब पर्याप्त जगह और सुविधाएं नहीं हैं।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि मौजूदा बिल्डिंग 93 साल पुरानी हैं। इनका निर्माण भारत की निर्वाचित सरकार ने नहीं अंग्रेजों ने कराया था। नई बिल्डिंगें भारत की आकांक्षाओं को दर्शाएगी।

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