कोल ट्रांसपोर्टर के ठिकाने पर सेंट्रल जीएसटी की दबिश।
सेंट्रल GST की टीम ने अंबिकापुर के महामाया रोड में स्थित कोल ट्रांसपोर्टर, हर्ष रोड लाइंस इंटरप्राइजेस के ठिकाने पर दबिश दी। कोल ट्रांसपोर्टर ने करीब 8 कंपनियां बनाई। इनमें करोड़ों का कारोबार हुआ और फिर ये कंपनियां बंद कर दी गईं। करोड़ों रुपए की GST रा
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जानकारी के मुताबिक, रायपुर से पहुंची 12 सदस्यीय GST टीम ने कोल ट्रांसपोर्टर शकील अहमद के महामाया रोड स्थित ठिकाने पर मंगलवार को पहुंचकर जांच शुरू की। सेंट्रल GST की टीम ने कंपनी के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। शकील अहमद की मुख्य फर्म के साथ अन्य फर्मों की भी जांच की जा रही है।

हर्ष रोडलाइंस के दस्तावेजों की हो रही है जांच
फर्म बने, करोड़ों के कारोबार के बाद हुए बंद
बताया गया है कि शकील अहमद के द्वारा आधा दर्जन से अधिक बोगस फर्में भी बनाई गईं। इन फर्मों के नाम से करोड़ों का कारोबार हुआ। छह से आठ माह तक फर्मों का संचालन हुआ, फिर ये फर्में बंद कर दी गईं। इन फर्मों का पैसा शकील अहमद की फर्म हर्ष रोड लाइंस प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसर्फर हुआ। इससे इन बंद फर्मों का सीधा संबंध हर्ष रोड लाइंस प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ा जा रहा है।
कई बड़ी कंपनियों में कोल ट्रांसपोर्टिंग
शकील अहमद का नाम छत्तीसगढ़ के बड़े कोल ट्रांसपोर्टरों में शामिल है। उनके द्वारा कई कंपनियों को कोयला की सप्लाई की जाती है। सिलसिला में स्थित एक कोल डिपो के माध्यम से भी कोयला बेचा जा रहा था। केएसके प्लांट सहित कई कंपनियों में ट्रांसपोर्टिंग का काम शकील अहमद की कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
सूर्यकांत तिवारी के डायरी में भी नाम
शकील अहमद को राजनैतिक संरक्षण भी रहा है। छत्तीसगढ़ में हुए कोल स्कैम के आरोपी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में भी शकील अहमद का नाम आया था। सूर्यकांत तिवारी के जरिए शकील को कोल ट्रांसपोर्टिंग का काम मिला और उसने खासे पैसे भी बनाए। सूर्यकांत को उसने पैसे दिए थे, जिसका उल्लेख डायरी में है। शकील अहमद के पास मर्सिडीज सहित कई लग्जरी गाड़ियां भी हैं।
सेंट्रल GST की टीम ने जांच को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है, हालांकि माना जा रहा है कि दूसरी जांच एजेंसियों तक भी जांच का दायरा बढ़ सकता है।