रेप पीड़िता अब मेडिकल अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है
मेरठ में 13 साल की रेप पीड़िता किशोरी प्रसव पीड़ा से सीएचसी में छटपटाती रही। लेकिन मेडिकल स्टाफ को रहम नहीं आया। मेडिकल स्टाफ ने पीड़िता को भर्ती नहीं किया। लगभग डेढ़ घंटे तक किशोरी बेंच पर पड़ी रही। उसे ब्लीडिंग होती रही, वो चीखती चिल्लाती रही लेकिन स्टा
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जांच टीम ने चैक किया सीसीटीवी
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सीएचसी में जांच करने पहुंची थी टीम
मेरठ सरधना सीएचसी में एक रेप पीड़िता के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की गवाही सीसीटीवी फुटेज ने दी है। सीएचसी में जो सीसीटीवी लगा है जब उसकी जांच हुई तो लापरवाही का सारा सच बाहर आ गया। सीएचसी स्टाफ ने किशोरी पर क्या जुल्म किया है। इस पूरे मामले में 5 कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है।
डीएम ने 3 सदस्यीय समिति को सौंपी थी जांच
सरधना सीएचसी में शुक्रवार को हुई इस घटना पर डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। डीएम ने एडीएमफआर, एसीएमओ और एसीएम तीन लोगों की जांच समिति गठित की थी। शनिवार को जांच समिति जांच करने सीएचसी पहुंची। समिति ने सीएचसी में लगे सीसीटीवी फुटेज को चैक किया। तो उसमें सारा सच सामने आ गया। सीटीवीटी फुटेज से पता चला कि किशोरी डेढ़ घंटे तक बेंच पर ही तड़पती रही लेकिन उसकी आवाज किसी के कानों तक नहीं पहुंची।
5 लोगों को नोटिस जारी
सीसीटीवी में सच सामने आने पर लापरवाही बरतने वाले पांच कर्मचारियों से स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया है। उस समय मौके पर तैनात चिकित्सक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वार्ड आया को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। टीम ने सीएचसी का रजिस्टर चैक किया और घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात मुख्य पांच कर्मचारियों से जांच टीम ने पूछताछ की है। पूछताछ और जांच के वक्त स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी लापरवाही छिपाने के लिए कोशिश करते रहे।
जांच में यह भी पता चला कि डॉक्टर, स्टाफ नर्स ने किशोराी की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज नहीं दिया। वहीं जांच टीम ने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस कर्मियों बयान भी दर्ज किए हैं।
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