नालंदा के बिंद थाना क्षेत्र में स्थित एक ज्वेलरी दुकान पर हुए दो अलग-अलग आपराधिक घटनाओं के मामले में पुलिस की विफलता ने स्थानीय व्यापारियों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। पिछले तीन महीनों में एक ही दुकान को निशाना बनाकर की गई इन वारदातों में पु
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पहली घटना 13 अक्टूबर को हुई, जब अपराधियों ने थाना से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित ज्वेलरी शोरूम में शटर तोड़कर दुकान मालिक को बंधक बना लिया और लाखों रुपये के गहने लूट लिए। सदर डीएसपी द्वारा मौके का निरीक्षण किए जाने और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बावजूद मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
78 दिन बाद भी कोई ठोस सफलता नहीं।
इसी दुकान को 5 दिसंबर को एक बार फिर निशाना बनाया गया। इस बार अपराधियों ने ग्रिल का दरवाजा तोड़कर प्रवेश कर गए हालांकि सेफ गार्ड को तोड़ने के प्रयास में विफल हो गए, इस बीच पुलिस गश्त की आहट पाकर भाग निकले। दूसरी घटना की गंभीरता को देखते हुए नालंदा के एसपी ने स्वयं मौके का जायजा लिया और थानाध्यक्ष को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए। परंतु, 78 दिन बीत जाने के बाद भी जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पुलिस केवल औपचारिकता निभा रही है।हर घटना के बाद आवेदन लेकर आश्वासन दे दिया जाता है, लेकिन उसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है।
बिंद थानाध्यक्ष चंदन कुमार का कहना है कि दोनों मामलों की जांच जारी है और जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएगी। लेकिन लगातार विफलताओं ने पुलिस की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।