Case of beating of tax inspector in Lucknow Nagar Nigam | लखनऊ में टैक्स इंस्पेक्टर को पीटने का मामला: कर्मचारी नेताओं ने वकीलों का पैनल देने की उठाई मांग,व्यापारियों का दावा कर रहे थे अवैध वसूली – Lucknow News

लखनऊ में व्यापारियों और टैक्स इंस्पेक्टर के बीच में हुए बवाल के बाद दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है। व्यापारी नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर हरिशंकर पांडेय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।

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इसके लिए शहर के व्यापारी लामबंद हो रहे, जबकि कर्मचारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ में टैक्स इंस्पेक्टर को पीटने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर डटे हैं। इस दौरान दोनों पक्ष से आरोप प्रत्यारोप लगाया जा रहा है।

यह तस्वीर जोन 2 कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों की है।

यह तस्वीर जोन 2 कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों की है।

15 लोगों के खिलाफ दी शिकायत

टैक्स इंस्पेक्टर हरिशंकर पांडे ने पूर्व पार्षद साकेत शर्मा, पार्षद संदीप शर्मा और महेश शर्मा सहित 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दी है। इस दौरान 2,700 रुपए लूटने और जानलेवा हमला करने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं, पार्षद संदीप शर्मा की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि टैक्स इंस्पेक्टर द्वारा महापौर सहित भाजपा नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी आए दिन की जाती है। आरोप है टैक्स इंस्पेक्टर को उनकी गलत हरकतों के कारण ठाकुर गंज क्षेत्र से हटाया जा चुका है। व्यापारियों ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।

दो बार टैक्स कलेक्शन में मारपीट

टैक्स वसूली का नोटिस देने पर नगर निगम कर्मचारी से मारपीट करने का एक सप्ताह में ये दूसरा मामला है। सोमवार को राजाजीपुरम में नगर निगम के कर्मचारी को एक भवन स्वामी ने जमकर पीटा था। इसमें आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को राजस्व निरीक्षक को पीटने का ये दूसरा मामला है।

जोन 2 अधिकारी के चैंबर के बाहर प्रदर्शन करते व्यापारी।

जोन 2 अधिकारी के चैंबर के बाहर प्रदर्शन करते व्यापारी।

व्यापारियों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

पूर्व पार्षद और मामले में आरोपित साकेत शर्मा का कहना है कि व्यापारी के साथ क्षेत्र की जनता मौजूद थी। पिछले काफी समय से टैक्स इंस्पेक्टर द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा था। इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष और स्थानीय पार्षद ने टैक्स इंस्पेक्टर को समझाया कि अवैध वसूली न करें। एक दुकानदार का पुराना टैक्स 5,000 का आता था, उसे 1 लाख तक का टैक्स भेजा गया। जो दे देता है उसका सही करते हैं और जो लोग इसका विरोध करते हैं, घर सील करने की धमकी देते हैं। इस दौरान लोगों के घरों पर जाकर खड़े होते हैं। बदतमीजी करने का भी आरोप लगाया है।

धमकी देकर बर्बाद करने का दावा

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि टैक्स इंस्पेक्टर द्वारा अनियमित टैक्स लगाकर वसूली की जाती है। एक दो बार कुछ गरीब लोगों के लिए हमने इनसे बात की, लेकिन उनकी तरफ से गलत ढंग से बात की गई। पर सारा व्यापारी ऐशबाग का आरोप है कि एक बार यह एक दुकानदार के पास गए और उसे धमकी दी कि तुम्हें बर्बाद कर देंगे। उनका कहना है कि मामले में ठाकुरगंज और आशियाना सहित कई जगहों से इस टैक्स इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत आई है। इस दौरान टैक्स इंस्पेक्टर को क्षेत्र से हटाने की मांग उठाई गई है।

यह तस्वीर महापौर सुषमा खर्कवाल को ज्ञापन देने पहुंचे पार्षद की है।

यह तस्वीर महापौर सुषमा खर्कवाल को ज्ञापन देने पहुंचे पार्षद की है।

ठोस कार्रवाई की मांग

नगर निगम जलकल एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने कहा कि यह निंदनीय घटना है। नगर निगम के सभी कर्मचारी संघ इसकी निंदा करते हैं। जिला प्रशासन शासन और नगर निगम प्रशासन से या मांग करते हैं कि अगर संस्था के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ इस तरह से बर्ताव किया जाएगा तो कैसे यह संस्था चलेगी। हम लोग कैसे काम करेंगे। घटना में जितने भी लोग शामिल हैं उन पर कार्रवाई की जाए। इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए। संस्था के सदस्य के साथ मारपीट हुई है। अगर कोई कर्मचारी को लेकर कोई समस्या है तो इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जानी चाहिए। किसी को करने का कोई हक नहीं है। इसकी हम निंदा करते हैं।

वकीलों का पैनल नामित करने की मांग

नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि यह प्रकरण कोई नया प्रकरण नहीं है आए दिन नगर निगम के कर्मचारियों को टारगेट किया जाता है। घटनाएं होती रहती हैं। संगठन ने हमेशा यह मांग की है कि उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन करता है। यदि कोई भी मारपीट की घटना घटित होती है तो यह नगर निगम के कर्मचारियों को ही झेलना पड़ता है।

नगर निगम में अधिकांश लोग अधिकारी हैं। विधि विभाग में अधिवक्ता नामित होते हैं। हम नगर निगम प्रशासन से मांग करते हैं कि अगर ड्यूटी करते हुए किसी कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी होती है। तो नगर निगम का अधिवक्ता इसके लिए नामित होना चाहिए जो पुलिस से लेकर न्यायालय तक इसके लिए काम करे। क्योंकि इसमें घटना होने के बाद सिर्फ कर्मचारियों को ही परेशान होना पड़ता है। हम नगर निगम के कर्मचारी हैं हम लोग ड्यूटी करने आए हैं। हम लोग अपनी सेवन नियमावली से बंधे हुए हैं। हम इसके लिए महापौर से भी मांग कर रहे हैं।

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