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नई दिल्ली6 घंटे पहले
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बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (TLPL) के एडवाइजरी बोर्ड मेंबर रजनीश कुमार और मोहनदास पई अपने कांट्रैक्चुअल एग्रीमेंट को रिन्यू नहीं करेंगे। दोनों का कॉन्ट्रैक्ट 30 जून 2024 को खत्म हो रहा है। बायजूस ने बयान जारी कर कहा कि रजनीश कुमार और मोहनदास पई ने एडवाइजरी काउंसिल छोड़ने का फैसला TLPL के फाउंडर्स के साथ चर्चा करने के बाद किया है।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब नकदी के संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अपने स्टेकहोल्डर्स के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। रजनीश कुमार SBI के पूर्व चेयरमैन और मोहनदास पई इंफोसिस के पूर्व फाइनेंशियल ऑफिसर (वित्तीय अधिकारी) हैं।
आपसी सहमति से कंपनी ने लिया फैसला
कुमार और पई ने एक संयुक्त बयान में कहा,’एडवाइजर्स के तौर पर कंपनी के साथ हमारा जुड़ाव हमेशा एक साल के लिए निश्चित अवधि के आधार पर था। फाउंडर्स के साथ हमारी चर्चा के आधार पर, यह आपसी सहमति से तय किया गया कि एडवाइजरी काउंसिल का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।
हालांकि, फॉर्मल इंगेजमेंट (औपचारिक जुड़ाव) खत्म हो गया है, लेकिन फाउंडर्स और कंपनी हमेशा किसी भी एडवाइज के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं। हम फाउंडर्स और कंपनी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।’

साल 2011 में रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न नाम से अपनी एडटेक कंपनी की शुरुआत की थी।
रवींद्रन बोले- कुमार और पई ने पिछले साल अमूल्य सहायता की
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि वह एडवाइजर्स के साथ जुड़ाव को महत्व देती है तथा अशांत समय में कंपनी को आगे बढ़ाने में उनके सभी प्रयासों की सराहना करती है। वहीं, कंपनी के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने कहा,’ रजनीश कुमार और मोहनदास पई ने पिछले साल अमूल्य सहायता प्रदान की है।
कुछ विदेशी निवेशकों की ओर से चल रहे मुकदमों के कारण हमारी योजनाओं में देरी हुई है, लेकिन रीबिल्ड में उनकी सलाह पर भरोसा किया जाएगा, जिसका नेतृत्व मैं व्यक्तिगत रूप से कर रहा हूं।’
फोन पर ही एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल रही बायजूस
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, बायजूस ने पिछले 12 महीनों में 10 हजार से ज्यादा एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया है। बायजूस की फाइनेंशियल कंडीशन इतनी खराब है कि ना तो कंपनी किसी एम्प्लॉइज के काम का रिव्यू कर रही है और ना ही उन्हें नोटिस पीरियड सर्व करने का मौका दे रही है।
6 बड़ी बातें जो बायजूस के साथ बीते दिनों हुई
- बायजूस शेयरहोल्डर्स ने 23 फरवरी को रवींद्रन को CEO पद से हटाने और पत्नी दिव्या और भाई रिजु को भी हटाने के लिए वोटिंग की थी।
- 24 फरवरी को बायजू रवींद्रन ने कहा, ‘मैं आपको यह लेटर हमारी कंपनी के CEO के रूप में लिख रहा हूं। आपने मीडिया में जो भी पढ़ा होगा, वह गलत है। मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा, मैनेजमेंट और बोर्ड भी वही रहेगा।’
- दिसंबर महीने में बायजू रवींद्रन ने एम्प्लॉइज को सैलरी देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने फैमिली मेंबर्स का घर भी गिरवी रखा था।
- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की। बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का आरोप है।
- ED ने 9,000 करोड़ से अधिक के FEMA उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा। फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर 1999 में FEMA बना था।
- गुरुग्राम ऑफिस का रेंट पेमेंट न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने बाहर कर दिया। उनके लैपटॉप जब्त कर लिए।
बायजूस का 2022 में घाटा बढ़कर 8,245 करोड़ रहा
बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में ₹8,245 करोड़ का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था। यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है। इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू ₹5,298 करोड़ रहा। 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था। यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है।
बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट दाखिल की है। घाटे का लगभग आधा हिस्सा (लगभग 3,800 करोड़ रुपए) व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसी कंपनियों के कारण है। कंपनी की ओर से किए गए ये दो प्रमुख अधिग्रहण हैं।

