मुंबई19 घंटे पहले
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एनएसई भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है, जो मुंबई में स्थित है। यह 1992 में स्थापित हुआ था।
आईपीओ से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया यानी, NSE अब शेयरहोल्डर्स की संख्या के मामले में देश की सबसे बड़ी नॉन-लिस्टेड कंपनी बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NSE के शेयरधारकों की संख्या 1,00,000 के आंकड़े को पार कर गई है।
अनलिस्टेड शेयर्स में डील करने वाले उमेश पालिवाल ने कहा कि 24 मार्च को शेयर ट्रांसफर प्रोसेस में लगने वाले 3-4 महीने के टाइम को घटाकर 1 दिन कर दिया गया है। इसके बाद से शेयरहोल्डर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा NSE शेयरों की मांग हमेशा बनी रहती है।
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसफर टाइम घटाने के बाद एक महीने से भी कम समय में इन्वेस्टर बेस लगभग तीन गुना बढ़ गया। मार्च के अंत में 22,400 शेयरहोल्डर्स थे जो 11 अप्रैल तक बढ़कर लगभग 60,000 हो गए। अब लगभग एक महीने में इसमें 67% की वृद्धि हुई है।
IPO से पहले खरीदें NSE का शेयर
NSE के IPO से पहले अनलिस्टेड मार्केट में इसके शेयर मोजूद है। हालांकि, प्री-IPO स्टॉक्स में निवेश करना जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही जोखिम भरा भी। किसी भी वेबसाइट या व्यक्ति से अनलिस्टेड शेयर खरीदने से पहले उसकी जांच करना जरूरी है।
- ब्रोकर या डीलर के जरिए: भारत में कई रजिस्टर्ड ब्रोकर और फिनटेक प्लेटफॉर्म हैं जो अनलिस्टेड शेयरों में डील करते हैं। जैसे- प्रिसाइज, इनक्रेड मनी। आप इनसे संपर्क करके या इनकी वेबसाइट के जरिए शेयर खरीद सकते हैं।
- ओवर द काउंटर डील: अगर आप सीधे किसी ऐसे व्यक्ति या फर्म को जानते हैं जिसके पास NSE के शेयर हैं, तो आप ओटीसी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें ब्रोकर की जरूरत नहीं होती।
एनएसई शेयरों ने निवेशकों को लगभग 30% का रिटर्न दिया
नॉन-लिस्टेड सेक्टर में कारोबार करने वाले मुंबई स्थित एक प्रमुख ब्रोकिंग हाउस ने कहा, पिछले 5-6 महीनों में NSE के शेयर ने ₹1700/- प्रति शेयर का उच्चतम स्तर और ₹1560/- का निम्नतम स्तर छुआ है। वहीं एनएसई शेयरों ने निवेशकों को एक साल में लगभग 30% का रिटर्न दिया है। अभी इसकी कीमत करीब ₹1,650 है।
IPO से पहले शेयर खरीदने के फायदे और नुकसान
आप NSE जैसी बड़ी और प्रॉमिसिंग कंपनी में लिस्टिंग से पहले निवेश कर सकते हैं, जिससे IPO के समय तगड़ा रिटर्न मिल सकता है। वहीं नुकसान की बात करें तो अनलिस्टेड शेयर को तुरंत बेच पाना मुश्किल होता है क्योंकि इनका कोई रेगुलर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नहीं होता।
अगर आप IPO से पहले शेयर खरीदते हैं, तो SEBI के नियमों के मुताबिक आपके शेयर 6 महीने के लिए लॉक हो सकते हैं। यानी लिस्टिंग के बाद अगले 6 महीनों तक शेयर बेच नहीं पाएंगे।
NSE के चौथी तिमाही के नतीजे
एनएसई ने हाल ही में मार्च 2025 में समाप्त तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। इस तिमाही में स्टॉक एक्सचेंज टैक्स के बाद समेकित मुनाफा 7% बढ़कर ₹2,650 करोड़ रहा है। एक साल पहले की समान तिमाही में ये ₹2,488 करोड़ रुपए रहा था।
कुल आय 4,397 करोड़ रुपए रही, जो वित्त वर्ष 24 की मार्च तिमाही में 5,080 करोड़ रुपए से 13% कम है। एनएसई के निदेशक मंडल ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वर्ष के लिए 35 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की।
वहीं 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए, एक्सचेंज ने 12,188 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो साल-दर-साल आधार पर 47% की बढ़ोतरी है। समेकित कुल आय 17% बढ़कर 19,177 करोड़ रुपए हो गई।