रक्सौल के हरदिया गांव में आज उस समय अफरा-तफरी और चीख पुकार होने लगा जब सरकारी भूमि पर बने घरों पर अंचल प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर खाली कराया। कुछ देर के लिए हरदिया गांव पुलिस कैंप के रूप में तब्दील हो गया था।
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यह काम हाई कोर्ट के निर्णय के आलोक में किया गया है। हरदिया गांव में राजा बाबू ने हाई कोर्ट में एक रिट दायर कर उनकी भूमि के आगे की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया था। हाई कोर्ट ने सुनवाई कर उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश रक्सौल अंचलाधिकारी शेखर राज को दिया। अंचलाधिकारी जैसे ही अतिक्रमण मुक्ति हेतु पहुंचे वहां चीख पुकार शुरू हो गई।
घर की महिलाएं और बच्चे रोने चिल्लाने लगे और घर के बुजुर्ग सदस्य इन घरों से निकल सकने वाले सामग्रियों को निकालने के लिए बेचैन हो गए। पूरा गांव पुलिस छावनी की तरह दिखने लगा। इसके लिए जिला से अतिरिक्त भारी संख्या में पुलिस बल के साथ प्रशासन मुस्तैद होकर आज यह कार्यवाही किया।
अंचलाधिकारी शेखर राज ने बताया कि उक्त अतिक्रमणकारियों को स्वेच्छा से अपने घरो को हटा लेने का निर्देश अंचल कार्यालय से दिया जा चुका है। लेकिन इनलोगों ने जब स्वेच्छा से अतिक्रमण को खाली नहीं किया तो बाध्य होकर प्रशासन को यह कार्रवाई करनी पड़ी। इन्होंने यह बताया कि आज बीस से पचीस लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है। लगभग सतर अतिक्रमणकारी चिन्हित हैं। सभी लोगों का अतिक्रमण हटाया जाएगा। कहा कि जिला से फिर जब पुलिस बल को उपलब्ध कराया जाएगा तो फिर यह कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि हरदिया में एक सरकारी भूमि पर 70 लोगों ने कब्जा जमा लिया था। इनके पीछे वाले रैयत राजा बाबू कुमार के द्वारा इनको हटाने के लिए रिट किया गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग आवासीय भूमिहीन हैं। सरकारी जमीन पर घर बनाकर गुजर बसर कर रहे थे।