Broker of engineer gang arrested | गिरफ्तार इंजीनियर गिरोह का ब्रोकर: ठगों ने प्रदेश से क्रिप्टो में एक्सचेंज कर करोड़ों रुपए कंबोडिया व लाओस भेजे – Raipur News


दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में बैठे साइबर अपराधी छत्तीसगढ़ में भी ठगी कर रहे हैं। वहां से ये ठग यहां के लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं और शेयर मार्केट में निवेश पर मोटे मुनाफे का झांसा दे रहे हैं। फिर ठगी का पैसा क्रिप्टोकरेंसी, डॉलर में एक्सचेंज कर

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ठगों ने यह पैसा क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर में एक्सचेंज कराकर कंबोडिया मंगवाया। पुलिस ने एक दिन पहले ही पैसा एक्सचेंज कर विदेश भेजने वाले मैकेनिकल इंजीनियर अरुण सिन्हा को गिरफ्तार किया है। उसके खाते की जांच के दौरान 50 लाख का ट्रांजेक्शन मिला। उसने कबूल किया है कि वह विदेश में बैठे ठगों से जुड़ा हुआ है। पैसा विदेश भेजने के बदले उसे मोटा कमीशन मिलता है।

जानकारी के मुताबिक चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन सिंह जीवन विहार कॉलोनी में रहते हैं। उन्हें फांसने के लिए ठगों ने दो अलग-अलग वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ा। इसमें शेयर मार्केट निवेश की जानकारी दी जाती थी। मैसेज देखकर वे झांसे में आ गए और दोस्तों से उधार लेकर 1.39 करोड़ रुपए निवेश कर दिया।

उन्हें फर्जी एप डाउनलोड कराया गया था, जिसमें उन्हें मोटा मुनाफा दिखाया गया। जब पैसा निकालने का समय आया तो ठग और पैसों की डिमांड करने लगे। तब उन्हें फर्जीवाड़ा का अहसास हुआ और तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराई। टीआई मनोज नायक ने बताया, इस मामले की तकनीकी जांच के बाद मूलत: गरियाबंद देवभोग निवासी मैकेनिकल इंजीनियर अरुण सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

वह रायपुर में किराए पर रहता है। खुद भी शेयर ट्रेडिंग करता है। अरुण ने 50 लाख रुपए क्रिस्टो में एक्सचेंज कर कंबोडिया भेजे। इसके लिए उसे मोटा कमीशन मिला। ठगी के पैसे उसके खाते में आते थे, फिर वह इसे डिजिटल करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन में एक्सचेंज करता था। इसके बाद अधिक दाम में विदेशी की किसी कंपनी को बेच देता था। ठगों ने दिखावे के लिए ऐसी कंपनी बना रखी है।

चिंता: एशियाई देशों के लोगों को किया जा रहा डिजिटल अरेस्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को तीन माह पहले एक चिट्ठी जारी की है। इसमें दावा किया गया है कि देश में 50 फीसदी से ज्यादा ऑनलाइन ठगी दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से हो रही है। इन देशों में बैठे ठग डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट निवेश से लेकर डिजिटल गेमिंग के माध्यम से साइबर ठगी कर रहे हैं।

यह ठगों का नया ठिकाना बन गया है। भारत में होने वाली साइबर ठगी के लगभग आधे मामले सिर्फ दक्षिण एशिया देश कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में सक्रिय संगठित साइबर अपराधी अंजाम दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के एडीजी तकनीकी सेवा प्रदीप गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार से इस संबंध में पत्र आया है। केंद्र सरकार इस तरह की ठगी रोकने लगातार वर्कशॉप करा रही है। इस पर काम किया जा रहा है। इन देशों में बैठे ठग वहां से भारत में ठगी कर रहे हैं।

ठगी का जाल: टेलीग्राम पर ऑफर क्रिप्टो का दोगुना रेट मिलेगा डीएसपी संजय सिंह के मुताबिक विदेश में बैठे ठगों ने टेलीग्राम, वाट्सएप जैसे मैसेंजर पर कई ग्रुप बना रखे हैं। उसमें ऑफर दे रहे हैं कि जिनके पास क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी है। उसे दोगुने दाम पर बेच सकते हैं। भारतीय लालच में ठगों से रुपए के बदले में क्रिप्टो खरीद रहे हैं। फिर उन्हें ठगों को ही बेच रहे हैं। इससे ठगों तक पैसा बिना दिक्कत के पहुंच रहा है, क्योंकि बैंक से ट्रांजैक्शन करने पर पकड़े जाने का डर है। विदेशी डिजिटल करेंसी निगरानी का सिस्टम ही नहीं है।

नेटवर्क: आधा दर्जन बैंक में हैं गिरोह से जुड़े इंजीनियर के खाते ठगों के गिरोह से जुड़े अरुण सिन्हा का केनरा बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा में आधा दर्जन से ज्यादा खाता है। आरोपी ने खुद के आला फर्जी कंपनी बनाकर खाता खुलवाया है। इन्हीं खाते में ठगी का पैसा आता है। आरोपी के खाते में अब तक 50 लाख का ट्रांजेक्शन दिख रहा है। बैंक से ट्रांजेक्शन की और जानकारी मांगी गई है। अरुण के परिजनों और उससे जुड़े हुए लोगों के खातों की जांच की जा रही है। उसके प्रॉपर्टी की भी जानकारी निकाली जा रही है।

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