लंदन9 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

प्रिंस एंड्रयू अपने नाम के साथ ड्यूक ऑफ यॉर्क और अर्ल ऑफ इनवरनेस जैसे टाइटल इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
ब्रिटिश किंग चार्ल्स III के छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू ने अपनी सभी रॉयल उपाधियां छोड़ने का ऐलान किया है। एंड्रयू ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे अब ‘ड्यूक ऑफ यॉर्क’ जैसे टाइटल का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
प्रिंस एंड्रयू का नाम यौन अपराधी जेफ्री एप्सटीन के केस में सामने आ चुका है। इसके अलावा पैसों की गड़बड़ी और एक कथित चीनी जासूस से रिश्तों को लेकर भी सवाल उठे थे।
हालांकि प्रिंस एंड्रयू का कहना है कि वे अपने खिलाफ लगे आरोपों को ‘पूरी तरह नकारते हैं’, लेकिन घोटालों की वजह से उनकी छवि को नुकसान पहुंच रहा था।

प्रिंस रॉयल नेवी में एक हेलिकॉप्टर पायलट भी रह चुके हैं। 1986 में साराह फर्ग्युसन से उनकी शादी हुई थी। नेवी से रिटायर होने के बाद वह 2001 में वह बिजनेस करने लगे।
वर्जीनिया गिफ्रे की किताब में प्रिंस एंड्रयू का जिक्र
जेफ्री एप्सटीन केस की पीड़िता वर्जीनिया गिफ्रे की किताब जल्द छपने वाली है। इस किताब में प्रिंस एंड्रयू और एप्सटीन के बीच करीबी रिश्तों का जिक्र है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सारी बातें इतनी बढ़ गई थीं कि कुछ करना जरूरी हो गया।
खासकर तब, जब किंग और क्वीन अगले हफ्ते वेटिकन में पोप लियो से मिलने वाले हैं। शाही पैलेस नहीं चाहता था कि प्रिंस एंड्रयू की खबरें इस मौके को खराब करें।

फोटो में प्रिंस एंड्रयू हैं, जिनका हाथ 17 वर्षीय वर्जीनिया गिफ्रे की कमर पर है। फोटो 10 मार्च 2001 को लंदन में मैक्सवेल के घर पर ली गई थी।
वर्जीनिया ने प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मुकदमा किया था
वर्जीनिया ने साल 2021 में ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया था। गिफ्रे ने आरोप लगाया था कि जब वो 17 साल की थीं, तब जेफ्री एपस्टीन उन्हें एंड्रयू के पास ले गए थे और प्रिंस ने उनका यौन शोषण किया था।
वर्जीनिया ने कहा था कि उसने प्रिंस एंड्रयू के साथ 3 बार यौन संबंध बनाए थे। पहली बार 2001 में लंदन यात्रा के दौरान। दूसरी बार एपस्टीन के न्यूयॉर्क वाले बंगले में और तीसरी बार अमेरिका के वर्जिन आइलैंड पर।
उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी बार जब वो एंड्रयू से मिली थी तब उसकी उम्र महज 17 साल थी। वर्जीनिया के इस खुलासे के बाद प्रिंस एंड्रयू को शाही परिवार से बेदखल कर दिया गया था।
खुद खिताब नहीं छोड़ते तो संसद को कानून बनाना पड़ता
प्रिंस एंड्रयू ने खुद खिताब छोड़कर संसद के हस्तक्षेप से बचने की कोशिश की। संसद को उनके खिताब हटाने के लिए कानून बनाना पड़ता, जो शाही परिवार के लिए मुश्किल होता।
वहीं, अमेरिका में एप्सटीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच अभी चल रही है, जिससे और बातें सामने आ सकती हैं।
अमेरिकी सांसद रॉबर्ट गार्सिया ने कहा- प्रिंस एंड्रयू का खिताब छोड़ना देर से लिया गया फैसला है। हम पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे।
प्रिंस एंड्रयू अब रॉयल लॉज में रहेंगे। किंग ने उनकी आर्थिक मदद पहले ही बंद कर दी थी, इसलिए उन्हें अपने खर्चे खुद चलाने होंगे।
उनके इस फैसले से उनकी बेटियां प्रिंसेस के खिताब रख सकेंगी। इस साल वे सैंड्रिंघम में शाही क्रिसमस समारोह में शामिल नहीं होंगे।
———————————-
यह खबर भी पढ़ें…
ट्रम्प के लिए मुसीबत बना एपस्टीन सेक्स स्कैंडल क्या है:अमेरिकी एजेंसियों पर फाइल दबाने का आरोप, प्रिंस एंड्रयू से लेकर क्लिंटन तक के हो सकते हैं नाम

जेफ्री एपस्टीन की मौत को 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसका नाम एक बार फिर अमेरिकी राजनीति में विवाद की वजह बना हुआ है। इस बार विवाद के केंद्र में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं। मामला यौन अपराधी रहे एपस्टीन की उस कथित ‘क्लाइंट फाइल’ का है। यहां पढ़ें पूरी खबर…