Breaking News Headlines US TRUMP China Pakistan Russia Ukraine | वर्ल्ड अपडेट्स: UN सुरक्षा परिषद में ट्रम्प के गाजा पीस प्लान को मंजूरी, 13 देशों का समर्थन, चीन-रूस ने वोट नहीं डाला


2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

UN सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के गाजा पीस प्लान प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव का मकसद गाजा में शांति बहाल करना, अंतरराष्ट्रीय फोर्स की तैनाती करना और भविष्य में फिलिस्तीन देश की संभावना को आगे बढ़ाना है।

कुल 13 देशों ने इसके पक्ष में वोट दिया, जबकि रूस और चीन ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। किसी भी देश ने विपक्ष में वोट नहीं किया। अमेरिका ने इसे ऐतिहासिक और सकारात्मक कदम बताया।

क्या है प्रस्ताव में

  • इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स (ISF) की तैनाती की इजाज यह फोर्स इजराइल, मिस्र और नई ट्रेंड फिलिस्तीनी पुलिस के साथ मिलकर गाजा में सुरक्षा और सीमाओं की निगरानी करेगा। उग्रवादी संगठनों से हथियार सरेंडर करवाने में मदद करेगा। मानवीय सहायता की सुरक्षित आपूर्ति तय करेगा।
  • ‘बोर्ड ऑफ पीस’ नाम से एक अंतरिम प्रशासन का गठन यह व्यवस्था 2027 के अंत तक चलेगी। इसमें ट्रम्प के अध्यक्ष रहने की संभावना बताई गई है।

प्रस्ताव में पहली बार यह भी बताया गया है कि अगर फिलिस्तीनी प्रशासन सुधार करता है और गाजा का पुनर्निर्माण तेजी से होता है, तो भविष्य में फिलिस्तीन को एक अलग देश के रूप में बनने का रास्ता खुल सकता है। हालांकि इजराइल ने इस विचार को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

इस बीच रूस ने एक अलग प्रस्ताव रखा था, जिसमें टू स्टेट सॉल्यूशन की मांग की गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय फोर्स या नए प्रशासन की तुरंत इजाजत नहीं थी। दूसरी तरफ, अमेरिका को कतर, मिस्र, सऊदी अरब, UAE, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जॉर्डन और तुर्किये जैसे कई मुस्लिम देशों का समर्थन भी मिला।

अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें…

ट्रम्प ने अमेरिका को क्रिप्टो कैपिटल बनाया, इसमें ₹2.5 लाख करोड़ से ज्यादा की डर्टी मनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को ‘दुनिया की क्रिप्टो कैपिटल बनाने का दावा किया था, लेकिन इस दावे के पीछे जो सच्चाई सामने आई है, उसने अमेरिकी सिस्टम और ट्रम्प सरकार की कलाई खोलकर रख दी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स और कंसोर्सियम ऑफ इंटरनेशनल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की जाइंट इन्वेस्टिगेशन में खुलासा हुआ कि पिछले 2 सालों में 2.48 लाख करोड़ रुपए की डर्टी मनी का अमेरिकी क्रिप्टो में निवेश हुआ है।

यह पैसा किसी अंडरवर्ल्ड गैंग का नहीं है बल्कि इसमें नॉर्थ कोरिया की साइबर आर्मी, कंबोडिया-म्यांमार के स्कैम हब. चीन समर्थित फाइनेंशियल नेटवर्क और अमेरिका-कनाडा के हजारों ठगी पीड़ितों की जमा पूंजी शामिल थी।

जिस क्रिप्टो इकोसिस्टम को अमेरिका अपनी शान बताता है असल में वही दुनिया के सबसे बड़े साइबर चोरों, स्कैमर्स और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है और यह सब ट्रम्प के शासन में हुआ।

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *