पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने शुक्रवार को BPSC स्टूडेंट्स को थप्पड़ मार दिया। बताया जा रहा है कि अभ्यर्थी ने डीएम पर कथित तौर पर बिकने का आरोप लगाया था। इस पर वह भड़क गए और थप्पड़ मार दिया।
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इसके बाद राजधानी में अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। 2010 बैच के IAS चंद्रशेखर इससे पहले भी अपने तेज तेवर के कारण चर्चा में रहे हैं।
जनवरी 2024 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से तल्खी के बाद सरकार ने इनको पटना के डीएम पद से हटा दिया था। हालांकि, पाठक के हटने के बाद वापस उनको बहाल कर दिया गया।
CM नीतीश कुमार के करीबी IAS चंद्रशेखर के चर्चित मामले को सिलसिलेवार तरीके से जानिए…
स्कूलों में ठंडी की छुट्टी पर केके पाठक से भिड़ गए थे
बात जनवरी 2014 की है। तब शिक्षा विभाग में केके पाठक की तूती बोलती थी। स्कूलों में उन्होंने सर्दी की छुट्टी देने पर रोक लगा दिया था। इस पर पटना के डीएम चंद्रशेखर उनसे भिड़ गए। उन्होंने पटना के स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया।
इस पर शिक्षा विभाग ने एक लेटर जारी कर नियमों का हवाला दिया। इसमें सर्दी की वजह से स्कूल बंद किए जाने के आदेश पर सवाल उठाए गए थे। इस पर चंद्रशेखर ने करारा जवाब दिया।
उन्होंने लेटर लिखकर नसीहत देते हुए कहा- कानून में मिले अधिकार और शीतलहर को देखते हुए स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। धारा 144 लगाने का अधिकार डीएम के पास है। दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में हमें ये शक्तियां मिली हैं। शिक्षा विभाग से अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। शिक्षा विभाग को जरूरत हो तो कानूनी राय ले सकते हैं।
दोनों तरफ से हुए पत्राचार के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई। तब नीतीश कुमार के साथ सरकार में राजद और कांग्रेस शामिल थी। बाद में विवादों से बचने के लिए सरकार ने डीएम का तबादला कर दिया।
हालांकि, जैसे ही शिक्षा विभाग से केके पाठक की विदाई हुई, चंद्रशेखर को 5 माह बाद एक बार फिर पटना का डीएम बना दिया गया।
मंगलवार को पटना कलेक्ट्रेट भवन का उद्घाटन किया गया है। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर को कुर्सी पर बैठाया।
CM नीतीश ने कुर्सी पर बैठाया था
अभी हाल में पटना में आधुनिक कलेक्ट्रेट भवन का उद्घाटन कार्यक्रम था। इस दौरान CM से लेकर डिप्टी सीएम तक मौजूद थे। तभी CM नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर को कुर्सी पर बैठा दिया और अपने खड़े रहे। ताली बजाते रहे।
यह तस्वीर सामने आने के बाद पटना की अफसरशाही और राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हुई। इसने उनकी CM से नजदीकी और भरोसे को पुख्ता किया। आज भी यह तस्वीर वायरल हो रही है।
दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद पटना में की थी बड़ी कार्रवाई
दिल्ली के IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए जलभराव से 3 UPSC अभ्यर्थियों की मौत हो गई। काफी बवाल हुआ। इसके बाद पटना के डीएम चंद्रशेखर ने यहां कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई शुरू की। इससे कोचिंग सेक्टर में हड़कंप मच गया।
कुछ सेंटरों को उन्होंने सील भी किया। तब उनके कार्यों की काफी सराहना हुई। उन्होंने कोचिंग संस्थानों को सभी जरूरी मंजूरी/अनुमति के लिए ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ की एक ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने का भी फैसला किया।
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर। (फाइल फोटो)
चौथी बार में UPSC एग्जाम में मिली सफलता
एक बार बच्चों को संबोधित करते हुए IAS डॉ. चंद्रशेखर ने अपनी सफलता के बारे में बातचीत की थी। उन्होंने कहा था- हमें UPSC के बारे में जानकारी नहीं थी। ग्रेजुएशन करने के बाद दूसरे साथियों और सीनियर्स को देखने के बाद प्रयास शुरू कर दिया। उस समय आसपास के लोग एग्जाम दे रहे थे। ग्रेजुएशन के बाद पीजी भी किया। इस दौरान सिविल सर्विस की तैयारी में लगे रहे। पहला अटेम्प्ट दिया, उसमें प्रिलिंप्स क्लियर हो गया।
इसके बाद मेंस के लिए सीरियसली लगना पड़ा, फिर मेंस भी क्लियर हो गया। लेकिन इंटरव्यू में असफलता हाथ लगी। दूसरा अटेम्प्ट दिया। फिर असफल रहा। तीसरे में आईआरएस(IRS) मिला। इन सब के बीच तैयारी करता रहा। फिर से चौथी बार सिविल सर्विस की परीक्षा में 2010 में बैठा।
चौथा अटेम्प्ट दिया। इसमें आईएएस क्लियर हुआ और बिहार कैडर मिला। उन्होंने यह भी बताया कि आईएएस को लेकर कोई प्लानिंग नहीं थी और कोई वैसा स्पेशल बैकग्राउंड नहीं था। लेकिन इस परीक्षा की एक ब्यूटी है, अगर कोई भी प्रयास करता है, तो वो क्वालीफाई कर सकता है। वहां तक पहुंच सकता है।
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शीर्षत कपिल अशोक को 26 जनवरी को पटना का डीएम बनाया गया था। उन्होंने डॉ. चंद्रशेखर सिंह की जगह ली थी। कड़ाके की ठंड को देखते हुए डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने 23 जनवरी तक 8वीं तक के स्कूल बंद रखने का आदेश दिया था। इसी को लेकर केके पाठक की ओर से सवाल किए गए, जिसे लेकर तनातनी बढ़ गई। बाद में डॉ. चंद्रशेखर सिंह को मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष सचिव बनाया गया था। पढ़ें पूरी खबर…