मुंबई4 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी और अभिनव त्रिपाठी
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अगर हमें कोई गाना पसंद आता है, तो हम उस गाने के सिंगर की तारीफ करते हैं। कभी-कभी उस गाने को कंपोज करने वाले म्यूजिक डायरेक्टर को भी श्रेय दे देते हैं। हालांकि एक व्यक्ति का जिक्र करना भूल जाते हैं, हम बात कर रहे हैं लिरिक्स राइटर यानी गीतकारों की।
गीतकार वो होते हैं, जो गाने लिखते हैं। गानों की मेकिंग का पहला पड़ाव लिरिक्स राइटिंग ही होती है। लिरिक्स राइटर गाने लिखता है, फिर म्यूजिक डायरेक्टर उसका कंपोजिशन तैयार करता है। कंपोजिशन तैयार होने के बाद गाने को सिंगर से रिकॉर्ड कराया जाता है।
लिरिक्स राइटर का काम आसान नहीं होता। इन्हें भाषा की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। हिंदी, उर्दू, अरबी और संस्कृत सहित जितनी ज्यादा भाषाएं आती हों, उतना बेहतर है।
रील टु रियल के नए एपिसोड में हम इन्हीं गीतकारों के वर्किंग प्रोसेस को समझेंगे। इसके लिए हमने मशहूर लिरिक्स राइटर ए.एम तोराज, शब्बीर अहमद और समीर अनजान से बात की है।
हाल ही में स्ट्रीम हुई वेब सीरीज हीरामंडी के अधिकतर गाने ए.एम तोराज ने ही लिखे हैं, वहीं शब्बीर अहमद ने सलमान खान की फिल्म वॉन्टेड और बॉडीगार्ड जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के गाने लिखे हैं। इसके अलावा समीर अनजान ने अपने करियर में 5000 से अधिक गानों की राइटिंग की है।
ए.एम. तोराज ने कहा कि एक गाना लिखना 10 गजलें लिखने के बराबर होता है। इसी बीच मेकर्स का ईगो भी सैटिस्फाई करना पड़ता है। पद्मावत का फेमस गाना ‘बिंते दिल’ ए.एम. तोराज ने ही लिखा है। इस गाने के लिए संजय लीला भंसाली को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर और अरिजीत सिंह को बेस्ट सिंगर मेल का अवॉर्ड मिला था, लेकिन गाना लिखने वाले ए.एम. तोराज इससे अछूते रहे।
आसान नहीं होता लिरिक्स राइटर का काम, प्रोड्यूसर-डायरेक्टर्स का ईगो भी सैटिस्फाई करना होता है
ए.एम. तोराज कहते हैं, ‘एक गाना लिखना 10 गजलें लिखने के बराबर है। धुन के पैरामीटर्स होते हैं। इसी बीच प्रोड्यूसर-डायरेक्टर्स का ईगो भी सैटिस्फाई करना होता है। तीन लाइन के मुखड़े में वो तीस हजार कमियां निकालते हैं। किसी को शब्दों से दिक्कत है, तो किसी को पूरी लाइन ही समझ नहीं आती। ऐसे में लिरिक्स राइटर का काम बहुत मुश्किलों भरा है। ये मेहनत बहुत करते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि एक लिरिक्स राइटर को उसके काम का क्रेडिट मिलना चाहिए।
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लिरिक्स राइटर के पास होना चाहिए शब्दों का भंडार, कविताएं भी आनी चाहिए
ए.एम. तोराज ने बताया कि एक अच्छा लिरिक्स राइटर बनने के लिए क्या खूबी होनी चाहिए? उन्होंने बताया, ‘सबसे पहले तो पद्य और गद्य (प्रोज और पोएट्री) की जानकारी होनी जरूरी है। इसके अलावा हिंदी और उर्दू की समझ भी होनी चाहिए। एक लिरिक्स राइटर को कविताएं आनी चाहिए। जब उसके पास शब्दों का कलेक्शन होगा, तभी वो गाने लिख सकता है।’
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अंतरा और मुखड़ा क्या होता है, इसे एक उदाहरण से समझते हैं
सलमान खान की फिल्म बॉडीगार्ड के एक गाने तेरी-मेरी प्रेम कहानी की पंक्तियों को लेते हैं।
तेरी मेरी मेरी-तेरी प्रेम कहानी है मुश्किल, दो लफ्जों में ये बयां न हो पाए (ये लाइन मुखड़ा है)
एक दूजे से हुए जुदा, जब एक दूजे के लिए बने (ये लाइन अंतरा है)
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‘तेरी-मेरी मेरी-तेरी’ गाने को हिमेश रेशमिया ने कंपोज किया था, जबकि इसकी पंक्तियां शब्बीर अहमद ने लिखी थीं।
पद्ममावत के गाने ‘बिंते दिल’ को लेकर दुविधा में थे भंसाली
‘बिंते दिल’ के बारे में तोराज एक दिलचस्प बात बताते हैं। उन्होंने कहा कि इस गाने को लेकर संजय लीला भंसाली दुविधा में थे। भंसाली का कहना था कि लोग इसे समझ ही नहीं पाएंगे, इसलिए रहने देते हैं। बाद में कुछ सोचकर उन्होंने इस गाने को फिल्म में रखा। इसका परिणाम यह हुआ कि गाने को दो नेशनल अवॉर्ड मिल गए।
इसे लेकर भी एम.एम तोराज के अंदर एक टीस है। उन्होंने कहा कि इसे दो नेशनल अवॉर्ड मिले हैं, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। तोराज ने कहा, ‘मैंने इस गाने को लिखने के लिए बहुत मेहनत की। अरबी शब्दों से गाने की लाइनें तैयार कीं, बहुत रिसर्च की। तब जाकर यह गाना तैयार हुआ। जब अवॉर्ड की बात आई तो मुझे कुछ नहीं मिला। इस बात का हमेशा दुख रहेगा।’
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यह गाना फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी बने एक्टर रणवीर सिंह पर फिल्माया गया था।
लिरिक्स राइटिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग में क्या अंतर है?
ए.एम तोराज ने हमें स्क्रिप्ट राइटिंग और लिरिक्स राइटिंग में अंतर भी बताया। उन्होंने कहा, ‘दोनों एक दूसरे के ठीक विपरीत हैं। लिरिक्स राइटिंग में कम शब्दों में बात को समझाया जाता है। जैसे किसी 3 मिनट के गाने में बहुत सारी चीजें निकल कर सामने आ जाती हैं। दूसरी तरफ स्क्रिप्ट राइटिंग में एक छोटे टॉपिक को बड़ा करके लिखना होता है। जैसे हर फिल्म किसी न किसी टॉपिक पर बनती है। अब उसी छोटे टॉपिक पर स्क्रिप्ट राइटर पूरी फिल्म की कहानी लिख देता है।’
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लिरिक्स राइटर्स को देश के मशहूर शायरों को पढ़ना चाहिए
शब्बीर अहमद ने कहा कि एक लिरिक्स राइटर को सबसे पहले देश के जितने भी मशहूर शायर हुए हैं, उन्हें पढ़ना चाहिए। चाहे वो फैज अहमद फैज हुए, साहिर लुधियानवी, हसरत जयपुरी या आनंद बख्शी। इसके अलावा भाषा पर भी बहुत अच्छी पकड़ होनी चाहिए। हिंदी, उर्दू, अरबी, संस्कृत, अवधी और ब्रज सहित सभी भाषाओं की जानकारी होनी चाहिए।
सलमान खान लिरिक्स राइटिंग में दिखाते हैं खासी दिलचस्पी
शब्बीर ने कहा कि सलमान खान का गीतकारी में बहुत इन्वॉल्वमेंट रहता है। वो लिरिक्स पर खासा ध्यान देते हैं। टेम्पो और रिदम क्या होना चाहिए, उस पर भी गौर करते हैं। अगर उन्हें लगता है कि कुछ बदलाव होने चाहिए तो उस पर भी सजेशन देते हैं।
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लिरिक्स राइटर को भी अच्छा मेहनताना मिलना चाहिए
तोराज का कहना है कि एक लिरिक्स राइटर को अपनी फीस की भी वाजिब डिमांड करनी चाहिए। अगर फिल्म का बजट बड़ा है, तो जाहिर तौर पर लिरिक्स राइटर को भी अच्छा मेहनताना मिलना चाहिए, लेकिन जहां बजट छोटा है, वहां पैसे की अनावश्यक डिमांड भी नहीं करनी चाहिए।
अमिताभ बच्चन ने बताया था..लिरिक्स राइटर के अंदर क्या क्वालिटीज होनी चाहिए
लगभग पांच हजार गाने लिखने वाले लिरिक्स राइटर समीर अनजान ने बताया कि एक गीतकार के अंदर क्या-क्या क्वालिटीज होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझसे एक बार अमिताभ बच्चन ने कहा कि एक अच्छे लिरिक्स राइटर के अंदर IQ और ऑब्जर्वेशन पावर तगड़ी होनी चाहिए। उसे सक्सेस को पचाने की ताकत होनी चाहिए। बिहेवियर अच्छा होना चाहिए। अगर ये सब खूबियां हैं, तभी वो आगे चलकर बड़ा नाम बन सकता है।’
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समीर अनजान (बीच में) के अमिताभ बच्चन से काफी अच्छे संबंध हैं।
जो लिरिक्स राइटर एक्टर्स को दिमाग में रखकर लाइनें लिखते हैं, वो अपने काम से नाइंसाफी करते हैं
क्या एक्टर्स को दिमाग में रखकर गाने लिखे जाते हैं? ए.एम. तोराज पहले तो इस बात पर गहरी आपत्ति दर्ज कराते हैं, फिर कहते हैं, ‘एक्टर्स को सोच कर कभी लिरिक्स नहीं लिखना चाहिए। जो लिरिक्स राइटर ऐसा करते हैं, वो अपने काम से नाइंसाफी करते हैं। एक्टर तो वो इंसान होता है, जिसे आपके लिखे गाने पर परफॉर्म करना है, आप जो लिखेंगे उसे वही लाइन गुनगुनाना है, फिर उसे सोचकर कैसे गाने लिख सकते हैं?’
लिरिक्स राइटर्स को एसोसिएशन का मेंबर बनना जरूरी
क्या लिरिक्स राइटर्स को एसोसिएशन का मेंबर बनना जरूरी है? शब्बीर ने कहा, ‘मेंबर बनने का फायदा यह है कि अगर कोई आपके लिखे गाने चुराता है तो एसोसिएशन उस वक्त आपके साथ खड़ी रहेगी और कार्रवाई करने में हेल्प करेगी। वहीं अगर कोई लिरिक्स राइटर इसका मेंबर नहीं है और उसके साथ कुछ भी गलत होता है, तो एसोसिएशन कभी उसका सपोर्ट नहीं करेगी।’
इनपुट- वीरेंद्र मिश्र