Bitcoin drops to $88,522 | बिटकॉइन 88,522 डॉलर तक गिरा: क्रिप्टो मार्केट से निवेशकों के 1 ट्रिलियन डॉलर डूबे, एक्सपर्ट्स बोले- 75,000 डॉलर तक जा सकता है

नई दिल्ली20 मिनट पहले

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बिटकॉइन की कीमत 88,522 डॉलर तक लुढ़क गई है, जो 7 महीने का सबसे निचला स्तर है। इससे ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट का वैल्यू 4.3 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 3.2 ट्रिलियन डॉलर रह गया, यानी निवेशकों का 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

ये गिरावट पिछले 6 हफ्तों में 25-30% की हुई है। एनालिस्ट्स का कहना है कि फेड रेट कट्स की उम्मीदें कम होने और लिक्विडेशन्स से ये हालात बने हैं और ये 75,000 डॉलर तक जा सकता है।

बिटकॉइन क्रैश कैसे हुआ

बिटकॉइन ने अक्टूबर में 126,000 डॉलर का हाई टच किया था। इसके बाद इसकी कीमत में तेज गिरावट तब आई, जब ये 92,000 डॉलर के सपोर्ट लेवल से नीचे टूटना शुरू हुआ।

इसके बाद फ्यूचर्स और लीवरेज्ड पोजीशंस में भारी लिक्विडेशन हो गया और करीब 19 बिलियन डॉलर के पोजिशन्स क्लोज हो गए। इससे बिटकॉइन पिछले 6 हफ्तों में 25% से ज्यादा गिर चुका है, जबकि साल के हाई 126,000 डॉलर से कुल 30% की कमी आई है।

मार्केट में ऑटोमेटेड ट्रेडिंग और हाई लिवरेज ने गिरावट को और तेज कर दिया। शुरू में AI स्पेंडिंग पर चिंता थी, लेकिन Nvidia की स्ट्रॉन्ग रेवेन्यू रिपोर्ट आने के बाद थोड़ी रिकवरी दिखी। गुरुवार सुबह लंदन टाइम पर बिटकॉइन में 1.9% की रिकवरी दिखी, लेकिन मार्केट अभी भी अनिश्चित है।

मार्केट पर क्या असर पड़ा

क्रिप्टो इंडस्ट्री की टोटल वैल्यू 6 अक्टूबर को 4.3 ट्रिलियन डॉलर के पीक पर थी, लेकिन अब ये 3.2 ट्रिलियन पर सेटल हो गई है। यानी, 1.1-1.2 ट्रिलियन डॉलर कम हो गई है। ज्यादातर लॉस पेपर लॉस हैं, यानी प्राइस री-प्राइसिंग और लिक्विडेशन से।

10 अक्टूबर को 19 बिलियन डॉलर के लीवरेज्ड पोजीशंस लिक्विडेट हो गए, जिससे मार्जिन कॉल्स, ETF आउटफ्लोज और नए बायर्स की कमी हो गई। रिटेल इन्वेस्टर्स से लेकर डिजिटल एसेट फर्म्स तक सब प्रभावित हुए हैं।

अल्टकॉइन्स पर ज्यादा असर पड़ा, एथर 3,000 डॉलर से नीचे आ गया। अगस्त में एथर 5,000 डॉलर तक पहुंचा था, जो 2021 के रिकॉर्ड से ऊपर था, लेकिन अब वो गेन्स गायब हो गए। डिजिटल एसेट फर्म्स के स्टॉक प्रीमियम्स भी खत्म हो गए। रिटेल इन्वेस्टर्स से लेकर इंस्टीट्यूशनल प्लेयर्स तक सब प्रभावित हुए।

गिरावट की 5 मुख्य वजह

  • फेडरल रिजर्व के रेट कट्स की उम्मीदें कमजोर पड़ गईं, जिससे इंस्टीट्यूशनल एडॉप्शन पर ब्रेक लगा।
  • ट्रेजरी यील्ड्स बढ़े, फाइनेंशियल कंडीशंस टाइट हो गए और रिस्क सेंटिमेंट कमजोर पड़ा।
  • टेक और AI मार्केट्स की कमजोरी भी क्रिप्टो पर असर डाल रही है।
  • जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता और ऑटोमेटेड ट्रेडिंग से वोलेटिलिटी बढ़ गई।
  • लॉन्ग-टर्म होल्डर्स तो एक्यूमुलेट कर रहे हैं, लेकिन शॉर्ट लिक्विडिटी ने मार्केट को फ्रैजाइल बना दिया।

आगे क्या हो सकता है

अगर बिटकॉइन 88,000-90,000 डॉलर से नीचे टिका, तो 75,000 डॉलर तक गिर सकता है। अभी $85000, $80000 और अप्रैल के लो 74,425 डॉलर के की लेवल्स पर नजर है। ऑप्शंस डेस्क्स पर 80,000 के आसपास पुट एक्टिविटी बढ़ी है, जो हेजिंग दिखाती है। कुछ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि टेक रेवेन्यू गाइडेंस से रिकवरी हो सकती है, लेकिन मैक्रो डेटा का इंतजार है। लॉन्ग-टर्म में इंस्टीट्यूशनल एडॉप्शन बाउंस बैक करा सकता है।

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