बंगाल की खाड़ी से उठा साइक्लोन ‘दाना’ ओडिशा के तट से रात करीब 12:30 बजे टकराया। सुबह तक तूफान के लैंडफॉल की प्रोसेस चली। इसका असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। कटिहार, भागलपुर, किशनगंज, मुंगेर समेत कई जिलों में बादल छाए हुए हैं।
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मौसम विज्ञान केंद्र की माने तो बिहार के दक्षिण और पूर्वी हिस्से में साइक्लोन का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।
साइक्लोन के अलर्ट के बाद मुंगेर में 25 अक्टूबर को गंगा में नाव चलाने पर रोक लगाई गई है। बिहार आपदा प्रबंधन ने सभी जिलों के CO को लेटर जारी किया है। वहीं, नालंदा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 19 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसमें मुंगेर और पूर्णिया में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पटना, नालंदा और कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। गुरुवार की शाम किशनगंज में तेज बारिश हुई। भागलपुर और बांका में तेज हवा चली।
26 अक्टूबर को प्रदेश के उत्तर-पूर्व, उत्तर-मध्य और दक्षिणी हिस्सों के एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 10 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट
साइक्लोन के चलते 19 जिलों में आज बारिश का अलर्ट है। इसमें पटना, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, नवादा, शेखपुरा, गया, जहानाबाद, नालंदा, औरंगाबाद, अरवल, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर शामिल हैं।
24 घंटे में कैसा रहा मौसम
साइक्लोन का असर बिहार के कुछ जिले में बुधवार रात से दिखना शुरू हो गया था। सुपौल, किशनगंज में बुधवार को तेज बारिश हुई। वहीं आज गुरुवार को दोपहर बाद भी मध्य और दक्षिणी बिहार के कई जिलों में बारिश हुई। इनमें गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, लखीसराय और भागलपुर भी शामिल हैं। इनके अलावा बक्सर में भी बारिश हुई है। राजधानी पटना में भी गुरुवार सुबह से हल्के बादल छाए रहे।
मुंगेर में बुधवार रात से ही घने बादल छाए हुए है। यहां साइक्लोन ‘दाना’ का अलर्ट जारी किया गया है। जिसके बाद गंगा में नाव चलाने पर रोक लगाई गई है।
बिहार में 6 जिलों के मौसम का हाल जानिए…
भागलपुर: भागलपुर में गुरुवार दोपहर बाद मौसम में बदलाव दिखा। कई क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। तेज हवा चल रही है। इसके साथ ही हल्की बूंदाबांदी भी हुई। गुरुवार को भी यहां दिनभर बादल छाए रहे।
पूर्णिया: पूर्णिया में शाम से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। अभी धान कटनी का वक्त है, ऐसे में बारिश के बाद किसानों की समस्या बढ़ गई है। पूर्णिया मौसम केंद्र के सहायक वैज्ञानिक राकेश कुमार ने बताया, ’26 अक्टूबर तक इसका असर देखने को मिल सकता है। आसपास के इलाकों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। हल्की से मध्यम स्तर की बारिश के साथ-साथ तेज हवा चलने की भी संभावना है। आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।’
नालंदा: गुरुवार को आसमान में हल्के बादल देखने को मिले। आज रात या शुक्रवार को 10-20 किलोमीटर की रफ्तार से हवा के साथ बारिश की संभावना है। जिला आपदा पदाधिकारी मोहम्मद सफीक ने बताया, ‘साइक्लोन ‘दाना’ का बहुत ज्यादा असर नालंदा में नहीं दिखेगा। हालांकि सभी PHC को अलर्ट मोड पर रखा गया है। मौसम में हो रहे बदलाव पर नजर बनी हुई है।’
मुंगेर: मुंगेर में जिला प्रशासन ने 24 और 25 अक्टूबर को गंगा में नाव चलाने पर रोक लगा दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी कुमार अभिषेक ने ये जानकारी दी है। विभाग ने इसे लेकर कोई लेटर जारी नहीं किया है। बीती रात जिले में कई जगहों पर तेज आंधी के साथ बारिश हुई। फिलहाल किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
सुपौल: सुपौल में तूफान के असर से बुधवार की देर रात तेज हवा के साथ बारिश हुई है। किशनपुर ब्लॉक में खेतों में लगी धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इसे लेकर किसान सुभाष यादव ने वीडियो जारी कर प्रशासन से मदद मांगी है।
सुपौल में तेज हवा के साथ बारिश होने से खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान हुआ है।
खड़ी फसलों और वृक्षों को हो सकता नुकसान
मौसम विभाग ने अपने अलर्ट में कहा है कि आंधी और वज्रपात से खड़ी फसल और वृक्षों को भी नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही झुग्गी-झोपड़ी, टीन और कच्चे मकानों को भी नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान बिजली चमकने या गरजने की आवाज सुनाई देने पर बाहर न निकलें, पक्के घरों में शरण लें।
बिहार के रास्ते ओडिशा से दिल्ली जाने वाली दो ट्रेनें कैंसिल
तूफान को देखते हुए एहतियात के तौर पर ओडिशा से बिहार के रास्ते दिल्ली जाने वाली की 2 ट्रेनों को आज रद्द कर दिया गया है।
भास्कर ने पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुनील नारायण से बात की। उन्होंने साइक्लोन ‘दाना’ जैसे अन्य चक्रवात के आने की वजह बताई…
भास्कर से बात करते हुए सुनील नारायण कहा, ‘इस तरह के साइक्लोन से निपटने और इससे होने वाले असर पर हम लोग लगातार नजर बनाए हुए हैं। साइक्लोन दाना से फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। निदेशक सुनील नारायण ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
साइक्लोन का बिहार पर क्यों और कितना हो सकता है असर
सुनील नारायण ने कहा, ‘भारत ट्रॉपिकल रीजन (समुद्र के किनारे बसा हुआ क्षेत्र) में है। समुद्र में जिधर लो प्रेशर होता है, हवा उधर मुड़ जाती है। ऐसी स्थिति में समुद्र में उठी तेज हवा का प्रभाव उनके किनारे बसे राज्यों में देखने को मिलता है। यही वजह है कि इन इलाकों में साइक्लोन आने की संभावना ज्यादा रहती है।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य, जो समुद्र के किनारे बसे हैं, उन इलाकों में पिछले कुछ सालों में साइक्लोन की वजह से काफी नुकसान हुआ है।’
तूफान से ठंड पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
मौसम वैज्ञानिक एसके पटेल ने बताया कि ‘तूफान का असर बिहार में देखने को मिलेगा। इस दौरान तेज हवाएं चलेंगी। जहां धान में बाली आ गया है, उसके गिरने की संभावना है। पूर्वी और दक्षिण बिहार को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी जिलों में बादल छाए रहेंगे। वहीं इससे ठंड पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा।’