bihar became the first state to conduct ptm in madrasas by the order of IAS KK Pathak action will be taken | केके पाठक के आदेश पर मदरसों में पेरेंट्स टीचर मीट: मीटिंग नहीं हुई तो होगी कार्रवाई, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार – Patna News

शिक्षा विभाग में आदेशों को लेकर चर्चा में रहने वाले सीनियर आईएएस केके पाठक के फैसले का असर अभी भी दिख रहा है। शिक्षा विभाग में एसीएस रहते हुए केके पाठक ने मदरसों की सूरत बदलने की कोशिश की थी।

.

उन्होंने मॉन्टेसरी स्कूलों की तरह मदरसों में भी पेरेंट्स टीचर मीट कराने की प्लानिंग की थी। इस संबंध में लगभग एक साल पहले उन्होंने आदेश भी जारी किया था। अब केके पाठक शिक्षा विभाग में नहीं हैं, लेकिन उनके आदेशों पर बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां मदरसों में भी पेरेंट्स-टीचर मीटिंग हो रही है।

अगस्त महीने में बिहार के मदरसों में हुई इस शुरुआत से एक बार फिर केके पाठक चर्चा में हैं। सरकारी स्कूल, संस्कृत स्कूल और सरकारी मदरसों में निजी स्कूलों के जैसी पेरेंट्स टीचर मीटिंग करने का आदेश आईएएस अधिकारी केके पाठक ने दिसंबर 2023 में दिया था। पटना के 15 मदरसों में पीटीएम शुरू भी हो चुकी है।

के के पाठक ने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाया था प्लान

आईएएस पाठक ने नया फरमान जारी करते हुए कहा था कि ‘सरकारी स्कूलों में भी निजी विद्यालयों की तरह अभिभावक मीटिंग प्रत्येक शनिवार को करें। पेरेंट्स मीटिंग में अभिभावकों से यह जानकारी लें कि शिक्षा की गुणवत्ता कितनी है। हर शनिवार को सरकारी विद्यालय में पेरेंट्स मीटिंग बुलाई जाएगी। बच्चों के अभिभावकों से बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता और उनके विकास के बारे में जानकारी ली जाएगी।’

अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाने वाले आईएएस केके पाठक का तबादला शिक्षा विभाग से कर दिया गया है। पाठक अब रेवेन्यू डिपार्टमेंट के एसीएस बनाए गए हैं। लगभग दो महीनों की छुट्टी के बाद केके पाठक ने अपना नया विभाग जॉइन कर लिया है, लेकिन शिक्षा विभाग में उनके लिए फैसलों पर अब भी काम चल रहा है।

बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मो. नूर इस्लाम ने दी जानकारी।

बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मो. नूर इस्लाम ने दी जानकारी।

हर 3 महीने में होगा पीटीएम

बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मो. नूर इस्लाम ने बताया कि ‘पीटीएम करवाने के लिए पहले कई मदरसों में इसका ट्रायल किया गया था, जिसमें कई पेरेंट्स आए। उस ट्रायल का रिजल्ट अच्छा आया था। इसके बाद बोर्ड ने यह फैसला लिया। मदरसों में पीटीएम की शुरुआत पहले हर तीन माह पर करवाई जाएगी। उसके बाद इसको हर महीने और फिर हर वीक में करवाया जाएगा।’

मदरसे में मजदूरों और गरीबों के बच्चे तालीम हासिल करने आते हैं।

मदरसे में मजदूरों और गरीबों के बच्चे तालीम हासिल करने आते हैं।

मदरसों में मजदूरों के बच्चे सबसे अधिक

बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मो. नूर इस्लाम ने बताया कि ‘मदरसों में मजदूरों और गरीबों के बच्चे तालीम हासिल करने आते हैं। पीटीएम को लेकर इन बच्चों के पेरेंट्स का कहना था कि अगर वह पीटीएम में आएंगे तो उनका एक दिन का मजदूरी खत्म हो जाएगा। जो उनके लिए बहुत बड़ी बात है।

बोर्ड ने ऐसे पेरेंट्स के बारे में सोचते हुए हफ्ते में पीटीएम न करवा कर इसे 3 महीने में करने का आदेश दिया है। जिससे बच्चों के पेरेंट्स को 3 महीने में एक बार अपने बच्चों के लिए समय निकलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।’

नहीं होगा पीटीएम तो होगी कार्रवाई

बिहार के अलावा देश के किसी राज्य के मदरसे में पीटीएम नहीं होती। बिहार राज्य मदरसा बोर्ड ने यह फैसला वयस्क शिक्षा कार्यक्रम की बैठक में लिया गया। इसके तहत बोर्ड ने सभी अनुदानित मदरसों के हेड को आदेश जारी किया गया है, जिसमें पीटीएम में बच्चे के साथ माता-पिता को जाना होगा।

किसी मदरसे में अगर पीटीएम नहीं किया तो वहां के हेड को मदरसा बोर्ड शोकॉज नोटिस जारी कर उनपर कार्रवाई भी की जाएगी। बोर्ड के वयस्क शिक्षा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी पीटीएम कराने में मदरसों की मदद करेंगे।

बता दें कि राज्य के1942 अनुदानित मदरसों में क्लास वन से लेकर मौलवी यानी इंटर तक करीब 4 लाख छात्र पढ़ते हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *