मध्यप्रदेश सरकार 2022 में रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी लागू कर चुकी है। इसमें 50% तक की छूट दी गई है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में इंवेस्टर्स का सबसे ज्यादा फोकस न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा पर रहेगा। 24 और 25 फरवरी को कुल साढ़े 13 घंटे चलने वाली समिट में अकेले रिन्युएबल एनर्जी पर ही साढ़े 10 घंटे बात होगी। अंबानी-अदाणी जैसे बड़े ग
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मध्यप्रदेश सरकार दो साल पहले 2022 में रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी लागू कर चुकी है। इसमें प्रोजेक्ट के लिए निजी भूमि की खरीद पर स्टाम्प शुल्क में 50% छूट का प्रावधान है। वहीं, एक दिन पहले मंगलवार को सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में हुई कैबिनेट मीटिंग में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति को मंजूरी दी गई। इसमें ई-वाहन निर्माण और उपयोग को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है।
साथ ही साल 2028 तक 20 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट रखा गया है। यह अभी 7 हजार मेगावाट है।
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समिट को लेकर मानव संग्रहालय को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है।
दो दिन में साढ़े 13 घंटे के 8 सेशन भोपाल के इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट का शुभारंभ करेंगे। एमपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्लान के अनुसार, पहले दिन दो प्रमुख विभाग- न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी और आईटी एंड टेक्नोलॉजी की समिट होगी।
अगले दिन यानी 25 फरवरी को भी न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी की समिट होगी। पहले दिन 7 घंटे 30 मिनट और दूसरे दिन 3 घंटे तक चर्चा होगी यानी 10 घंटे 30 मिनट तक सिर्फ इसी विभाग की समिट होगी। इसमें 500 उद्योगपति और संबंधित अफसर रहेंगे। कुल साढ़े 13 घंटे में 8 विभागों के सेशन होंगे।
उद्योगपति न्यू रिन्युएबल एनर्जी, आईटी एंड टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, प्रवासी मध्यप्रदेश, टूरिज्म, माइनिंग, एमएसएमई एंड स्टार्टअप, अर्बन डेवलपमेंट पर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। एनर्जी और आईटी को छोड़कर बाकी विभागों की समिट दो से 4 घंटे तक ही रहेगी। सबसे ज्यादा रिन्युएबल एनर्जी की 10 घंटे 30 मिनट, आईटी की 5 घंटे 45 मिनट, प्रवासी मध्यप्रदेश सेक्टर पर डेढ़ घंटा चर्चा होगी। बाकी विभागों की समिट 2-2 घंटे तक चलेगी।
जानिए, किस विभाग की समिट कब होगी
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कंट्री सेशन में राउंड टेबल चर्चा मुख्य 3 डोम के पास ही 200-200 लोगों की क्षमता वाले 3 बड़े हॉल हैं। यहां पर दो दिन तक एक-एक घंटे के कुल 5 सेशन होंगे, जिसमें एक्सपर्ट स्पीच देंगे। ये सेशन फॉर्मा एंड मेडिकल डिवाइस, स्किल डेवलपमेंट, टेक्सटाइल्स, फूड प्रोसेसिंग, हार्टिकल्चर और लॉजिस्टिक के रहेंगे।
विभागों की समिट के बाद ही कंट्री यानी, विदेशों के इन्वेस्टर्स के भी सेशन होंगे, जो दो प्रकार के रहेंगे। पहला ग्लोबल साउथ सेशन और दूसरा कंट्री सेशन। इनमें राउंड टेबल पर विदेशी उद्योगपति इन्वेस्टमेंट को लेकर चर्चा करेंगे।
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मानव संग्रहालय की कलाकृतियों को भी संवारा जा रहा है।
जानिए, रिन्युएबल एनर्जी में एमपी अभी कहां…
क्या है रिन्युएबल एनर्जी? रिन्युएबल एनर्जी या नवीकरणीय ऊर्जा सूरज, हवा और पानी जैसे प्राकृतिक स्रोत से मिलने वाली ऊर्जा है। नवीकरणीय ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा भी कहा जाता है। देवास, शाजापुर, आगर समेत कई जिलों में विंड एनर्जी से बिजली का उत्पादन हो रहा है। नीमच, मंदसौर समेत कई जिलों में सोलर प्लांट लगे हैं, जिनसे बिजली का उत्पादन हो रहा है। भोपाल शहर में भी कई छतों पर सोलर प्लांट लगे हैं।
प्रदेश में 7 हजार मेगावाट उत्पादन रिन्युएबल एनर्जी के मामले में भी प्रदेश में काम हो रहा है। अभी सोलर एनर्जी से 7 हजार मेगावाट तक का उत्पादन हो रहा है। 8 हजार मेगावाट और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला चंबल के बीहड़ में सोलर प्लांट लगाने के प्रयास की बात भी कह चुके हैं।
कुछ महीने पहले ही उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश के चंबल क्षेत्र में बीहड़ की जमीन है। हम उसमें लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरीके से सोलर प्लांट वहां स्थापित हो। वहीं, प्रदेश के स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों से लेकर कलेक्टर, एसपी ऑफिस और भोपाल में मंत्रालय सोलर एनर्जी से संचालित होंगे। इसके लिए रिन्युएबल एनर्जी डिपार्टमेंट काम कर रहा है।
इस ग्राफिक्स में जानिए पूरी जानकारी…
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ग्रीन सिटी में बदले जा रहे पर्यटन स्थल मध्यप्रदेश में रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी 2022 लागू हो चुकी है। इसके मुताबिक, 6 किलोवाट क्षमता से ज्यादा बिजली के लोड वाले घरों, दफ्तरों, संस्थानों में 50% बिजली बिल्डिंग की छतों पर सोलर रूफटॉप पैनल लगाकर पैदा की जाएगी। राज्य के पर्यटन स्थलों और धरोहरों पर 100% रिन्युएबल एनर्जी का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव है। इन जगहों को ग्रीन सिटी के रूप में बदला जा रहा है।
इसका पायलट प्रोजेक्ट भोपाल से सटे सांची और खजुराहो से शुरू करने की कवायद की गई थी। सांची को सोलर सिटी बनाया जा चुका है। इस पॉलिसी में 6 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए रिन्युएबल एनर्जी का प्रावधान जरूरी नहीं है।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा- हम साल 2028 तक 20 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन के टारगेट को पाने का प्रयास कर रहे हैं।
खंडवा में 278 मेगावाट के प्रोजेक्ट की शुरुआत करीब दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खंडवा में 278 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का वर्चुअल लोकार्पण कर चुके हैं। ये प्लांट ओंकारेश्वर के बैक वाटर में लगाया गया है। प्लांट से हर दिन करीब 14 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करने का प्लान है।
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ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग प्लांट से रोजाना 14 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
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भोपाल में 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) होगी। इनमें उद्योगपति रिन्युएबल एनर्जी, आईटी एंड टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, माइनिंग, एमएसएमई एंड स्टार्टअप, अर्बन डेवलपमेंट आदि पर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। टूरिज्म को लेकर एमपी टूरिज्म बोर्ड ने अभी से टेंडर खोल दिए हैं। पढ़े पूरी खबर
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