कॉलेज में प्रदर्शन करते हुए छात्राएं।
भिवानी में लोहारू के गांव सिघांनी स्थित शारदा कॉलेज की छात्रा दीक्षा सुसाइड मामले में घटना के 10 दिन बाद वीरवार को कॉलेज प्रशासन ने का बयान आया। प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रा को एग्जाम से वंचित नहीं रखा गया। परिजनों से केवल एडमिशन फीस ली गई। उन्होंने पू
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कॉलेज प्राचार्य डॉ. सरिता ने कहा कि राजनीति के चलते कॉलेज को बदनाम किया जा रहा है। इस मामले में कॉलेज प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि दीक्षा के परिजनों का फीस को लेकर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
6 अगस्त को नहीं था कोई पेपर
प्राचार्य ने कहा कि छात्रा दीक्षा को 6 अगस्त को बीए फाइनल के पेपर से वंचित नहीं रखा गया है। उस दिन बीए फाइनल वर्ष का कोई पेपर नहीं था। छात्रा द्वारा बीए फाइनल वर्ष के चारों पेपर दिए गए हैं और किसी प्रकार से फीस के लिए कभी फोन नहीं किया गया।
प्राचार्य डॉ. सरिता ने कहा कि 24 जून 2024 को सार्वजनिक मंच से लोहारू अनाज मंडी में कॉलेज संचालक राजवीर फरटिया ने सभी छात्राओं की ट्यूशन फीस और ट्रांसपोर्ट फीस माफी की घोषणा कर दी थी। उसके बाद हमने 5 अगस्त को अभिभावकों को बुलाकर सबको अवगत करवा दिया था और हमने फीस का काउंटर बंद कर दिया था। प्रस्ताव पास कर उच्च शिक्षा विभाग व यूनिवर्सिटी को भेज दिया था।
गिरफ्तार किए युवक का कॉलेज से नही है संबंध
सरिता ने कहा कि वर्ष 2022 में हर छात्रा से एक टाइम में 11 हजार रुपए दाखिला फीस ली जाती थी। लेकिन वह फीस भी छात्रा दीक्षा के परिजनों द्वारा 2023 में दी गई थी। उन्होंने बताया कि बीते दिन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए राहुल नाम के लड़के को कॉलेज से कोई संबंध नहीं है। वह आज तक कभी भी कॉलेज में नहीं आया है, मैने स्वयं आज तक राहुल को नहीं देखा है।
मामले को कॉलेज ने नहीं जोड़ा जाए
दीक्षा की सहपाठी खुशी ने बताया कि जिस प्रकार से कॉलेज के ऊपर फीस लेने के आरोप लगाए गए हैं, वह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2024 से उनकी फीस व ट्रांसपोर्टेशन चार्ज नहीं लगते हैं। छात्राओं ने बताया कि इस मामले को कॉलेज से नहीं जोड़ा जाए, इससे उनकी पढ़ाई बाधित होती है।