Because the track does not have the capacity, if the speed increases then it will reach in 6 hours only | नई वंदे भारत: क्योंकि ट्रैक की क्षमता नहीं, स्पीड बढ़ी तो 6 घंटे में ही पहुंचेगी – Raipur News

दावा– 130 किमी घंटे की रफ्तार से चलेगी

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हकीकत– औसत गति 72 किमी प्रति घंटा

नई वंदे भारत एक्सप्रेस को रेलवे 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने का दावा कर रहा है। लेकिन दुर्ग से विशाखापट्टनम के बीच 528 किमी में ट्रेन केवल 91 किमी ही 130 किमी की रफ्तार से दौड़ रही है। रेलवे ने बाकी के 437 किमी में ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे ही रखी हुई है। इससे इसकी औसत गति कम हो गई है। इसका कारण है इस हिस्से में ट्रैक के आसपास बेरिकेडिंग नहीं होना और ट्रैक का उतनी क्षमता का नहीं होना। अगर रेलवे इस ट्रेन को अपनी कही गई रफ्तार 130 पर चलाता है तो यह रायपुर से विशाखापट्टनम 7 की जगह 6 घंटे में ही पहुंच जाएगी।

दैनिक भास्कर की पड़ताल में खुलासा हुआ कि कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीएसआर) की टीम ने सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इसे दुर्ग से रायपुर और विजयनगरम से विशाखापट्टनम के बीच ही 130 की स्पीड में चलाने की अनुमति दी है। इस वजह से वंदे भारत की एवरेज रफ्तार मात्र 72 किमी प्रति घंटा है। भास्कर की टीम ने वंदे भारत एक्सप्रेस में रायपुर से विशाखापट्टनम तक सफर किया। वंदे भारत के प्रत्येक कोच में ट्रेन की स्पीड बताने वाले डिस्प्ले लगे हुए हैं। ट्रेन ज्यादातर जगहों पर अधिकतम 110 किमी घंटे की रफ्तार से ही चली।

टीम ने इस संबंध में रायपुर, टिटलागढ़, केसिंगा और विशाखापट्टनम में भी जांच की। तो मालूम हुआ कि रेलवे ने जिस 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड की बात की है वह महज दुर्ग से रायपुर और विजय नगरम से विशाखापट्टनम के बीच यानी 91 किमी में चलेगी। बाकी रायपुर से टिटलागढ़ और वहां से विजयनगर के बीच 110 किमी की रफ्तार से ही चलेगी।

रेलवे के अफसरों ने बताया कि जब तक ट्रैक के दोनों ओर बेरिकेडिंग नहीं हो जाती इस रफ्तार पर ट्रेन नहीं चलाई जा सकती। बेरिकेड नहीं होने से जानवर ट्रैक पर आते हैं और इतनी स्पीड से चल रही ट्रेन से यदि वो टकराएंगे तो बड़ा हादसा होगा। इसके साथ ही ट्रैक की टेक्निकल जांच में भी अभी यह बात पूरी तरह प्रमाणित नहीं हुई है कि पटरी इस रफ्तार के लायक है। हालांकि अफसरों का कहना है कि रेलवे बोर्ड की प्राथमिकता में इस ट्रैक पर बेरिकेडिंग कराना है।

दुर्ग से विशाखापट्टनम तक का किराया : दुर्ग से विशाखापट्टनम तक लगभग 565 किलोमीटर की दूरी का किराया एग्जीक्यूटिव क्लास में ब्रेकफास्ट चाय के साथ एवं लंच सहित किराया 2825 रुपए एवं बिना खाने सहित 2410 रुपए रहेगा। चेयर कार में ब्रेकफास्ट चाय के साथ एवं लंच सहित किराया 1565 रुपए बिना खाने सहित 1205 रुपए रहेगा।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक लगभग 528 किलोमीटर की दूरी का किराया एग्जीक्यूटिव क्लास में ब्रेकफास्ट चाय के साथ एवं लंच सहित किराया 2695 रुपए एवं बिना खाने सहित 2300 रुपए है । चेयर कार में ब्रेकफास्ट चाय के साथ एवं लंच सहित किराया 1495 रुपए बिना खाने सहित 1150 रुपए रहेगा।

वंदे भारत चलाना रेलवे के सामने चुनौती वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच है। इतने ही कोचों के साथ रेलवे ने नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत भी चलाई गई थी। तब खूब प्रचार किया गया कि इस ट्रेन में सुरक्षा के साथ 1140 यात्रियों को कम समय में सफर की सुविधा मिलेगी। परंतु कुछ ही महीनों बाद 8 कोच कम कर दिए गए। क्योंकि, महंगा किराया होने से यात्रियों को रास नहीं आई। रेलवे के सामने भी वंदे भारत ट्रेन चलाना काफी चुनौती भरा होगा।

जानिए कहां है कितनी स्पीड दुर्ग से रायपुर — 130 किमी रायपुर से टिटलागढ़ — 110 किमी टिटलागढ़ से विजयनगर — 110 किमी विजय नगरम से विशाखापट्टनम — 130 किमी

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