वृंदावन बांके बिहारी मंदिर और उससे जुड़े कॉरिडोर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मंदिर प्रबंधन और वृंदावन कॉरिडोर से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई अब एक ही पीठ करेगी।
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याचिकाकर्ताओं को उस समय झटका लगा जब उनके वकील को खारिज की गई याचिका को दोबारा उठाने पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। बुधवार को जब याचिकाकर्ता के वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई की अदालत में कई आवेदनों को मूल याचिका के साथ टैग करने का अनुरोध किया, तो जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने टोका और कहा कि मंगलवार को भी आपने यही याचिका हमारी पीठ के सामने रखी थी और हमने उसे खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार इस बीच याचिकाकर्ताओं को उस समय झटका लगा जब उनके वकील को खारिज की गई याचिका को दोबारा उठाने पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। बुधवार को जब याचिकाकर्ता के वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई की अदालत में कई आवेदनों को मूल याचिका के साथ टैग करने का अनुरोध किया, तो जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने टोका और कहा कि मंगलवार को भी आपने यही याचिका हमारी पीठ के सामने रखी थी और हमने उसे खारिज कर दिया था।
जारी किया अवमानना का नोटिस मुख्य न्यायाधीश ने खारिज याचिका को फिर से प्रस्तुत करने को गंभीरता से लिया और वकील के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन अध्यादेश से उत्पन्न सभी मामलों को मिलाकर अब एक ही पीठ के सामने रखा जाएगा, ताकि सुनवाई में स्पष्टता और एकरूपता बनी रहे।