मुंबई3 मिनट पहले
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बैंक ऑफ इंडिया ने ग्रीन डिपॉजिट और सेविंग डिपॉजिट के ब्याज दरों में बदलाव किया है। रेपो रेट में हालिया बदलाव के बाद बैंक ने 999 दिनों की ग्रीन डिपॉजिट पर ब्याज दर को सालाना 7% से घटाकर 6.7% कर दिया है। यह दर 1 लाख से 10 करोड़ रुपए से कम की जमा राशि पर लागू होगी।
इसके अलावा, 1 लाख रुपए तक की सेविंग डिपॉजिट पर ब्याज दर को सालाना 2.75% से घटाकर 2.50% कर दिया गया है। नई दरें 7 जुलाई से लागू है। सेविंग डिपॉजिट की अन्य किसी भी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
ग्रीन डिपॉजिट्स क्या है? क्या यह FD से अलग है?
ग्रीन डिपॉजिट स्कीम एक फिक्स टर्म डिपॉजिट जैसा ही है। इसमें ऐसे लोग निवेश कर सकते हैं, जो अपने पैसों से पर्यावरण को साफ और रहने लायक बनाने में मदद करना चाहते हैं।
क्योंकि, बैंक डिपॉजिट का पैसा उन्हीं प्रोजेक्ट्स में लगाता है, जो रिन्युएबल एनर्जी, ग्रीन बिल्डिंग, और स्मार्ट एग्रीकल्चर और वाटर-वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं। इसमें 1000 रुपए से ज्यादा और 3 करोड़ रुपए से कम की राशि जमा कराई जा सकती है।

SBI में 1 साल की FD पर 6.25% ब्याज मिल रहा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जून में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में 0.25% तक की कटौती की थी। SBI में अब 1 साल की FD कराने पर 6.25% ब्याज मिल रहा। नई ब्याज दरें 15 जून से लागू हैं। इससे पहले बैंक ने पिछले महीने 16 मई को भी ब्याज दरों में 0.20% तक की कटौती की थी।

फिक्स्ड डिपॉजिट की 5 खास बातें
- फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट: FD में ग्राहकों को पहले से तय ब्याज दर मिलती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 लाख रुपए 7% की ब्याज दर पर 5 साल के लिए FD में डालते हैं, तो अवधि पूरी होने पर आपको कुल जमा राशि के साथ ब्याज भी मिलेगा। यह ब्याज साधारण या चक्रवृद्धि हो सकता है।
- फ्लेक्सिबल टेन्योर: FD की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से अवधि यानी टेन्योर चुन सकते हैं। छोटी अवधि की FD कम ब्याज देती है, जबकि लंबी अवधि की FD ज्यादा ब्याज मिलता है।
- सिक्योरिटी : FD में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है, खासकर अगर आप किसी प्रतिष्ठित बैंक या NBF में निवेश करते हो। भारत में 5 लाख रुपए तक की FD को बीमा कवर देता है, यानी अगर बैंक डूब भी जाए, तो भी आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
- लिक्विडिटी: अगर आपको बीच में पैसे की जरूरत पड़ जाए, तो आप FD को समय से पहले तोड़ सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ पेनल्टी देनी पड़ सकती है, और ब्याज भी कम मिलेगा।
- टैक्स छूट: अगर आप 5 साल की टैक्स-सेविंग FD में निवेश करते हो, तो तुम सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट पा सकते हो। लेकिन ध्यान रहे, FD से मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है।
FD कराते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान
1. सही टेन्योर चुनना जरूरी
FD में निवेश करने से पहले उसके टेन्योर (अवधि) को लेकर सोच-विचार करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर निवेशक मेच्योरिटी से पहले विड्रॉल करते हैं, तो उन्हें जुर्माने का भुगतान करना होगा। FD मेच्योर होने से पहले उसे ब्रेक करने पर 1% तक की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इससे डिपॉजिट पर कमाए जाने वाला कुल ब्याज कम हो सकता है।
2. एक ही FD में न लगाएं पूरा पैसा
यदि आप किसी एक बैंक में FD में 10 लाख रुपए का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी जगह एक से ज्यादा बैंकों में 1 लाख रुपए की 8 FD और 50 हजार रुपए की 4 FD में निवेश करें। इससे बीच में पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से FD को बीच में ही तुड़वाकर पैसों की व्यवस्था कर सकते हैं। आपकी बाकी FD सेफ रहेंगी।
3. 5 साल की FD पर मिलती है टैक्स छूट
5 साल की FD को टैक्स सेविंग्स FD कहा जाता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1.5 लाख तक कम कर सकते हैं।