Bangladesh Map Controversy; Bengal Assam Tripura | Muhammad Yunus Adviser | यूनुस के सलाहकार ने बांग्लादेश का गलत नक्शा पोस्ट किया: इसमें बंगाल-असम, त्रिपुरा को अपना हिस्सा दिखाया; विवाद के बाद डिलीट किया


ढाका10 घंटे पहले

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महफूज आलम ने लिखा बांग्लादेश शुरुआती बिंदु है, अंतिम बिंदु नहीं। - Dainik Bhaskar

महफूज आलम ने लिखा बांग्लादेश शुरुआती बिंदु है, अंतिम बिंदु नहीं।

बांग्लादेश में मंगलवार को आजादी की 53वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस के सलाहकार महफूज आलम ने बांग्लादेश का एक गलत नक्शा पोस्ट किया। इस नक्शे में महफूज आलम ने भारत के बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्से को बांग्लादेश में दिखाया है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया।

महफूज आलम ने नक्शा पोस्ट करते हुए फेसबुक पर लिखा- भारत ने यहूदी बस्ती प्रोग्राम को अपनाया है। बांग्लादेश को भारत पर निर्भरता से आजाद रखने के लिए 1975 के बाद 2024 होना ही था। दोनों घटनाओं के बीच पचास साल का अंतर है, लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं बदला। हम भूगोल और बसावट में फंसे हुए हैं।

हमें यह याद रखना चाहिए कि दक्षिण एशिया में पाकिस्तान अशरफ मुसलमानों की भूमि है, भारत ब्राह्मणवादी हिंदुओं की भूमि है और बंगाल (पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश) हिंदू मुस्लिम दलितों की परवाह किए बिना सभी पीड़ितों की भूमि है।

बांग्लादेश शुरुआती बिंदु है, अंतिम बिंदु नहीं। 1947 से 1971 और 1971 से 2024 तक यह खत्म नहीं हुआ है, इतिहास अभी भी इंतजार कर रहा है।

इसी साल हुआ शेख हसीना का तख्तापलट 1947 में पूर्वी पाकिस्तान भारत से अलग होकर नया देश बना था। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। 1975 में बांग्लादेशी सेना ने पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। वहीं, 5 अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया था।

2024 में भारत बांग्लादेश ने की जमीन अदला बदली बता दें कि फिलहाल भारत बांग्लादेश में कोई बड़ा सीमा विवाद नहीं है। 2015 में PM मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान दोनों देशों में सीमा समझौता हुआ था। इसके बाद इसी साल यानी 2024 में भारत ने बांग्लादेश को ठाकुरगांव के रानीशंकोई उपजिला की 56.86 एकड़ जमीन सौंपी है। इसके बदले में भारत को भी बांग्लादेश से 14.68 एकड़ जमीन हासिल हुई है।

बांग्लादेशी नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी जारी हालांकि, शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद से लगातार बांग्लादेशी नेताओं की तरफ से भड़काऊ बयानबाजी की जा रही है। कुछ दिन पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता रूहुल कबीर रिजवी ने कहा था कि अगर भारत चटगांव मांगता है, तो हम बंगाल, बिहार और ओडिशा वापस ले लेंगे।

इसके जवाब में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि आपको क्या लगता है, आप हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करेंगे तो हम लोग लॉलीपॉप खाते रहेंगे?

ममता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे बांग्लादेश में दिए जा रहे बयानों से परेशान न हों। उन्होंने जनता को यकीन दिलाया कि पश्चिम बंगाल हमेशा केंद्र के फैसले का समर्थन करेगा। ममता ने लोगों से कहा कि शांत रहें, स्वस्थ रहें और मन की शांति बनाए रखें।

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