Bangladesh Elections to Be Held in April 2026, Announces Chief Advisor Yunus | बांग्लादेश में अप्रैल 2026 में होंगे चुनाव: चीफ एडवाइजर यूनुस ने ऐलान किया; सेना ने इस साल दिसंबर तक कराने के लिए कहा था


ढाका15 मिनट पहले

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चीफ एडवाइजर यूनुस ने शुक्रवार शाम देश के नाम संबोधन दिया। - Dainik Bhaskar

चीफ एडवाइजर यूनुस ने शुक्रवार शाम देश के नाम संबोधन दिया।

बांग्लादेश में अप्रैल 2026 में आम चुनाव होंगे। अंतरिम सरकार में चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार शाम इसका ऐलान किया।

ईद से एक दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने कहा,

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अगला आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होगा। इसके लिए चुनाव आयोग बाद में विस्तार से एक रोडमेप पेश करेगा।

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यूनुस ने बताया कि अगले साल तक चुनाव के लिए जरूरी सभी रिफॉर्म पूरे कर लिए जाएंगे। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया गया था।

इस साल की शुरुआत में युनूस ने बताया था कि बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की पहली छमाही तक चुनाव कराए जा सकते हैं।

इस साल की शुरुआत में युनूस ने बताया था कि बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की पहली छमाही तक चुनाव कराए जा सकते हैं।

सेना ने इस साल दिसंबर तक चुनाव कराने के लिए कहा था

बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमा 22 मई को सैन्य मुख्यालय में एक अधिकारियों को संबोधित किया था। इस दौरान सेना और अंतरिम सरकार के बीच टकराव खुलकर सामने आया था।

आर्मी चीफ ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि आम चुनाव इस साल दिसंबर से आगे नहीं टलने चाहिए। इसके अलावा आर्मी चीफ ने यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार को देश संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णय नहीं लेने के लिए कहा था।

सेना के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की BNP ने भी यूनुस पर दबाव बढ़ाते हुए दिसंबर में चुनाव कराने की मांग दोहराई थी। पार्टी ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार जल्द चुनावी रोडमैप तैयार कर इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं करती, तो उनका सरकार के साथ सहयोग जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।

सेना से टकराव के बीच यूनुस के इस्तीफे देने की अटकलें भी शुरू हो गई थीं। हालांकि प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग के बाद यूनुस ने इस्तीफा नहीं दिया।

सेना से टकराव के बीच यूनुस के इस्तीफे देने की अटकलें भी शुरू हो गई थीं। हालांकि प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग के बाद यूनुस ने इस्तीफा नहीं दिया।

बांग्लादेश में भारत के लोकसभा चुनाव जैसी ही चुनावी प्रक्रिया

बांग्लादेश में भी भारत के लोकसभा चुनाव जैसी ही चुनावी प्रक्रिया है। यहां संसद सदस्यों का चुनाव भारत की तरह ही फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली के जरिए होता है। यानी जिस उम्मीदवार को एक वोट भी ज्यादा मिलेगा, उसी की जीत होगी।

चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन के सांसद अपने नेता का चुनाव करते हैं और वही प्रधानमंत्री बनता है। राष्ट्रपति देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाते हैं।

यहां की संसद में कुल 350 सीटें हैं। इनमें से 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित सीटों पर चुनाव नहीं होता, जबकि 300 सीटों के लिए हर पांच साल में आम चुनाव होते हैं। भारत की संसद में लोकसभा के अलावा राज्यसभा भी होती है, लेकिन बांग्लादेश की संसद में सिर्फ एक ही सदन है।

बांग्लादेश की संसद को ‘जातीय संसद’ या हाउस ऑफ द नेशन कहा जाता है। इसकी नई बिल्डिंग 15 फरवरी 1982 में तैयार हुई।

बांग्लादेश की संसद को ‘जातीय संसद’ या हाउस ऑफ द नेशन कहा जाता है। इसकी नई बिल्डिंग 15 फरवरी 1982 में तैयार हुई।

बांग्लादेश में सरकार का मुखिया कौन होता है?

भारत की तरह ही बांग्लादेश में भी प्रधानमंत्री ही सरकार के मुखिया होते हैं। राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है, जिसका चुनाव राष्ट्रीय संसद द्वारा किया जाता है। बांग्लादेश में राष्ट्रपति सिर्फ एक औपचारिक पद है और सरकार पर उसका कोई वास्तविक नियंत्रण नहीं होता है।

1991 तक राष्ट्रपति का चुनाव यहां भी सीधे जनता करती थी, लेकिन बाद में संवैधानिक बदलाव किया गया। इसके जरिए राष्ट्रपति का चुनाव संसद द्वारा किया जाने लगा। शेख हसीना 20 साल तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं थीं।

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