मेरठ जिला जेल के सीनियर जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा नेे महिला कैदी से बंधवाई राखी
जेल में बंद भाई को राखी बांधने के लिए बहनें 150 किमी दूर से मेरठ जेल में राखी बांधने पहुंची। लेकिन बंदी बहन से राखी बंधवाने उनके भाई नही आए। जिला जेल की महिला बैरक में सजा काट रही बंदनियां हाथ में राखी लिए दिनभर भाई का इंतजार करती रहीं।
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पूजा की थाल सजाए महिला कैदी बार-बार सोचती कि अब मेरा भाई आया होगा। लेकिन भाई नहीं पहुंचा। कैदी बहन की राखी थाली में मुरझा गई। भाई आज भी बहन से मिलने नहीं आया क्योंकि उसे अपराधी बहन से मिलना पसंद नहीं। अंत में जेल अधीक्षक और जेल स्टाफ ने महिला कैदियों की राखी अपनी कलाईयों पर सजाई।
87 में से 40 के भाई नहीं पहुंचे

मेरठ जिला जेल की महिला जेल में इस समय 87 महिला बंदी सजा काट रही हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्म ने बताया कि 87 महिला बंदियों में से 40 बंदिनियों के भाई नहीं पहुंचे। ये कैदी दिनभर भाई के आने का इंतजार करती रहीं। शाम तक भाई नहीं पहुंचे। तो जेल स्टाफ ने स्वयं इनसे राखी बंधवाई।
लास्ट में जेल स्टाफ बना भाई

दिनभर राह देखने के बाद भी जब भाई नहीं पहुंचे तो उदास महिला बंदिनियों के लिए जेलस्टाफ ही भाई बन गया। महिला बंदिनियों ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक सहित अन्य स्टाफ, सिक्योरिटी को राखी बांधी, मिठाई खिलाई।