Balodabazar CGPSC topper welcomed in the village | गांव में मां से मिलते ही छलक पड़ीं आंखें: CGPSC टॉपर को कंधे पर उठाया, रविशंकर बोले-इस स्नेह को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल – baloda bazar News

कभी मां के आंचल की छांव तले सपनों का बीज बोने वाला बेटा जब कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने गांव लौटा, तो मां और बेटे की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। CGPSC टॉपर रविशंकर वर्मा का शनिवार को अपने गांव कोसमंदी पहुंचना पूरे क्षेत्र

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जैसे ही रविशंकर अपने गांव की ओर बढ़े, रास्ते भर स्वागत का ऐसा नजारा दिखा जो किसी बड़े नेता या हस्ती के लिए भी दुर्लभ है। लोग गाजे-बाजे के साथ अपने इस लाल के स्वागत में उमड़ पड़े। खरतोरा, कोदवा, कुसमी, पलारी से होते हुए जब वे अपने गृह ग्राम कोसमंदी पहुंचे, तो गांव का हर शख्स उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर था।

CGPSC टॉपर रविशंकर वर्मा।

CGPSC टॉपर रविशंकर वर्मा।

मां बेला, पिता बालकृष्ण, चाचा रामेश्वर ,सेवक और दीदी भारती समेत पूरा परिवार पलकें बिछाए अपने लाल का इंतजार कर रहा था। जैसे ही रविशंकर ने अपनी मां को देखा, भावनाओं का बांध टूट गया। मां और बेटे दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर अपने आंसुओं से खुशी जाहिर की।

मां से मिलकर भावुक हुए CGPSC टॉपर रविशंकर वर्मा।

मां से मिलकर भावुक हुए CGPSC टॉपर रविशंकर वर्मा।

गांव के लोगों ने उठाया कंधों पर

गांव के लोगों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया और अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्हें कंधे पर उठाकर झूमते रहे। यह सिर्फ स्वागत नहीं था, बल्कि एक बेटे की सफलता पर पूरे गांव की गर्व भरी खुशी थी।

समाज के लिए गौरव का पल

समाज के केंद्रीय अध्यक्ष खोड़स राम कश्यप ने कहा, “रविशंकर वर्मा का सफल होना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और लगन से हर सपना सच हो सकता है।”

स्वागत के बीच भावुक रविशंकर वर्मा ने कहा, “यह सफलता मेरी नहीं, मेरे परिवार, गुरुजनों और समाज के आशीर्वाद का फल है। मेहनत और लगन से ही मैंने यह मुकाम पाया है। यहां लौटकर मैं अपनों का जो प्यार और स्नेह देख रहा हूं, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है।”

हर आंख में दिखा गर्व और खुशी

गांव के हर व्यक्ति की आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी। किसी ने कहा कि आज गांव को पहली बार ऐसा दिन देखने को मिला है, तो किसी ने इसे पूरे समाज के लिए प्रेरणा का क्षण बताया। रविशंकर वर्मा ने जिस तरह अपनी मेहनत और साधना से यह मुकाम हासिल किया है, वह युवाओं के लिए एक मिसाल है।

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