जांजगीर-चांपा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीथमपुर में रंग पंचमी के अवसर पर बाबा कलेश्वरनाथ की भव्य बारात निकाली गई। चांदी की पालकी में विराजमान बाबा कलेश्वरनाथ पंचमुखी स्वरूप में भक्तों के बीच पधारे।
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हसदेव नदी के तट पर स्थित पीथमपुर में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। रंग पंचमी से शुरू होने वाले 15 दिवसीय मेले की शुरुआत बाबा की बारात से होती है। बारात में कई अखाड़ों से आए नागा साधु और वैष्णव संत शामिल हुए। नागा साधुओं ने अपना शौर्य प्रदर्शन किया और रंग-गुलाल से श्रद्धालुओं को सराबोर किया।

मंदिर से निकली बारात गांव की प्रमुख गलियों से होते हुए हसदेव नदी के तट पर पहुंची। यहां घाट पर बाबा की पालकी को उतारकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। चांपा सेवा संस्थान द्वारा गंगा आरती की तर्ज पर हसदेव आरती का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जांजगीर-चांपा जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। बाजे की धुन पर श्रद्धालु थिरकते नजर आए। नागा साधुओं का हसदेव नदी में शाही स्नान भी आकर्षण का केंद्र रहा। चांपा के जमींदार ने साधु-संतों का बारातियों की तरह स्वागत किया और सम्मान के साथ विदाई दी। बाबा कलेश्वरनाथ की बारात के साथ पीथमपुर मेले की विधिवत शुरुआत हो गई।
